गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामना आया है, जिसको जानकर हर कोई हैरान हो जाएगा। मेडिकल कॉलेज के अंदर तक पहुंच बनाने वाले एंबुलेंस माफिया इस कदर हावी हैं कि दिन को पचास हजार से एक लाख रुपए तक की काली कमाई कर रहे हैं। जिसमें बीआरडी के गेट पर खड़े ठेले वाले से लेकर अंदर तैनात वार्ड ब्वाय के साथ ही फार्मासिस्ट तक हिस्सेदारी रहती है। एंबुलेंस माफिया उन मरीजों को निशाना बनाते हैं, जो पड़ोसी राज्य बिहार और कुशीनगर से इलाज कराने बीआरडी आते हैं।
एंबुलेंस माफिया ऐसे मरीजों को अपने झांसे में लेकर शहर के प्राइवेट हॉस्पिटलों में पहुंचाते हैं। जिसके बदले में उन्हें हाथों-हाथ 22 हजार रुपए मिल जाते हैं। इतने बड़े घपले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब मेडिकल कालेज चौकी प्रभारी विवेक कुमार मिश्रा से एंबुलेंस माफियाओं के मारपीट की घटना हुई। इस घटना के बाद पुलिस ऐक्टिव हुई और इस काली कमाई का खुलासा हुआ।
आपको बता दें कि नौ जुलाई की देर रात को चौकी प्रभारी ने नॉर्थ गेट पर खड़ी एक एंबुलेंस का चालान काट दिया। चालान कटते ही एंबुलेंस माफिया इकठ्ठा हो गए और चौकी प्रभारी से हाथापाई की। घटना के बाद चौकी प्रभारी ने तहरीर दी। पुलिस ने पांच नामजद और तीन अज्ञात पर कई धाराओं में केस दर्ज किया। अगले दिन यानि कि 10 जुलाई को रिजवान, रियासुद्दीन, अकसीम औरंगजेब को अरेस्ट कर लिया। वहीं, चार की तलाश जारी है।
मामले की जांच कर कए एएसपी मानुष पारिख ने जानकारी देते हुए कहा कि मेडिकल कालेज के पास से इस समय करीब 100 से अधिक एंबुलेंस चल रही हैं। इनकी साठगांठ से कई अस्पताल भी चल रहे हैं। उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि एंबुलेंस मालिक व चालकों की पैठ मेडिकल कालेज के कर्मियों तक है। उन्होंने बताया कि ये रात में मरीजों को दूसरे अस्पतालों में पहुंचाते हैं। गिरफ्तार एंबुलेंस माफियाओं ने भी पूछताछ में इस बात को कुबूला है कि उन्हें एक मरीज को पहुंचाने पर 22 हजार रुपये मिलते हैं।
एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने बताया कि एंबुलेंस की जांच के लिए आरटीओ को पत्र लिखा गया है। जांच कर अनफिट वाहनों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। बीआरडी मेडिकल कालेज प्रशासन से बात करके बाहर की तरफ सीसी कैमरे लगवाने को कहा गया है। चौकी प्रभारी के साथ मारपीट में शामिल एंबुलेंस माफिया व बीआरडी मेडिकल कालेज के कर्मियों की जांच चल रही है।