गोरखपुर में स्थित सैनिक स्कूल के क्रियान्वयन के लिए योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में चार करोड़ रुपये का प्रावधान कर इस सत्र से पढ़ाई शुरू कराने की दिशा में कदम बढ़ा लिए हैं। आपको बता दें कि सैनिक स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य को लगभग पूर्ण कर लिया गया है। वहीं जो भी काम शेष हैं, उन्हें इसी महीने में पूरा करने के निर्देश मुख्यमंत्री निरीक्षण के दौरान दे चुके हैं।
गोरखपुर में बन रहा ये सैनिक स्कूल खाद कारखाने के भूमि पर आवंटित 50 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है। डेढ़ सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत वाले इस स्कूल का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2021 को अपने हाथों से किया था। ‘युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा’ के ध्येय से निर्माणाधीन इस शैक्षिक वातावरण में कक्षा 6 से 12 तक के बालक-बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के अंतर्गत शिक्षा प्रदान की जाएगी। यहाँ आपको स्पष्ट कर दे कि छात्र-छात्राओं के लिए पढ़ाई के लिए अलग-अलग कैंपस बनाए गए हैं।
स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति व परंपरा के रूप में निर्मित किया गया है और यहां बनने वाले हॉस्टल राष्ट्रीय नायकों के नाम पर समर्पित है। साथ ही कैंपस के अलग-अलग स्थानों का नामकरण सेना के बहादुर जबाजों के नाम पर रखे जाने का प्रावधान है। वहीं स्कूल के विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खेलकूद की गतिविधियों के लिए खेलों के कई कोर्ट व मैदान भी विकसित हुए हैं या पूरे होने वाले हैं। बता दें कि गोरखपुर का सैनिक स्कूल सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में सम्मिलित है।
80 और 90 के दशकों में गोरखपुर की पहचान अपराध की नर्सरी के रूप में रही है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों से ये पहचान बदल रही है। अब गोरखपुर विकास के मॉडल रूप में जाना जाता है। इस मॉडल में सैनिक स्कूल भी हीरे के रूप में जाना जाएगा। यह स्कूल राष्ट्र रक्षा की नर्सरी के रूप में विकसित होगा जिसके जरिए छात्र फौज में अफसर बन सकेंगे और देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे।
सैनिक स्कूल की सौगात सिर्फ युवा छात्रों के लिए ही नहीं, अपितु गोरखपुर की अपनी निजी पहचान और शान के संदर्भ में भी बेहद खास है। सीएम योगी की मंशा है कि सैनिक स्कूल गोरखपुर समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तम्भ के रूप में प्रज्वलित हो ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।