आगरा में सरकारी सिस्टम की नाकामी का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। आम लोगों ने नाले की सफाई के लिए डीएम से लेकर पीएम तक करीब 141 बार अर्जी लगाई पर नाले की स्थिति जस-की-तस बनी हुई है। सड़क पर हर समय गंदा पानी भरा रहता है जिससें पैदल आने-जाने वाले के साथ ही दो पहिया वाहनों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
उत्तर प्रदेश के आगरा में सरकारी सिस्टम की कार्यशैली देखिए। एक नाले की सफाई के लिए एक ग्राम पंचायत सदस्य तीन साल से लड़ रहा है। एसडीएम, डीएम, सीएम, पीएम तक करीब 141 बार गुहार लगा चुका है। फिर भी नाले की सफाई नहीं हो सकी। ग्राम पंचायत सदस्य के मुताबिक धनौली जगनेर रोड पर जलभराव है।
धनौली, अजीजपुर-जगनेर रोड पर 250 से अधिक गली, मुहल्ले व बस्तियां हैं। रहने वाली 1.50 लाख से अधिक आबादी, अनियोजित विकास की बलि चढ़ गई है। निचला इलाका होने से गली-बस्तियों से लेकर मुख्य मार्ग तक जलभराव होता रहा। निजात के लिए 2015 में जल निगम ने धनौली से मलपुरा तक नाला बनाया।
ग्राम पंचायत सदस्य चौधरी प्रेम सिंह का कहना है कि जो अधूरा नाला बना, वो भी एक साल बाद ही चोक हो गया। आठ साल से नाला चोक पड़ा है। गंदा पानी जगनेर रोड पर भर जाता है। सब्जी मंडी, बाजार व अन्य कार्य के लिए गंदे पानी में होकर हजारों लोगों को निकलना पड़ता है।
इस नाले की सफाई और जनसमस्या को दूर कराने के लिए चौधरी प्रेम सिंह ने तीन अगस्त को संपूर्ण समाधान दिवस में 141वां प्रार्थनापत्र दिया। सात दिन में निस्तारण का आश्वासन मिला। लेकिन, चार दिन गुजर चुके हैं। एक कर्मचारी तक नहीं पहुंचा। वहीं इस संबंध में डीएम भानु चंद्र गोस्वामी का कहना है कि नाले की सफाई कराई जाएगी। इतनी शिकायतों के बाद भी निस्तारण क्यों नहीं हुआ। इसकी जांच कराएंगे।