मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज सोमवार को डीएवी कॉलेज में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने सिख गुरुओं के अद्वितीय बलिदान और देश-धर्म की रक्षा में उनके योगदान को याद किया। सीएम योगी ने कहा, “गुरु तेग बहादुर जी ने अपना शीश देकर भारत का शीश बचाया। उनके बलिदान ने देश और धर्म को नई दिशा दी।”
गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रेरणादायक जीवन
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने न केवल अपने पिता गुरु तेग बहादुर जी की प्रेरणा से धर्म और देश के लिए बलिदान दिया, बल्कि अपने चार पुत्रों को भी इसी राह पर चलने का संदेश दिया। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी ‘चार मुए तो क्या हुआ, जीवित कई हजार’ का उद्घोष किया, जो आज भी नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करता है।
सिख गुरुओं के योगदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की अपील
सीएम योगी ने सिख गुरुओं के त्याग, बलिदान और खालसा पंथ की स्थापना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह हमारा दायित्व है कि हम भावी पीढ़ी को इस गौरवशाली इतिहास से अवगत कराएं। उन्होंने कहा, “गुरु गोबिंद सिंह जी ने जातिवाद और छुआछूत को समाप्त कर खालसा पंथ की स्थापना की, जो समाज को एकजुट करने का प्रतीक है।”
गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहादत वर्ष
मुख्यमंत्री ने इस वर्ष को गुरु तेग बहादुर जी की शहादत का 350वां वर्ष बताते हुए इसे ऐतिहासिक अवसर के रूप में मनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों के माध्यम से समाज और नई पीढ़ी को सिख गुरुओं के अद्वितीय बलिदान और उनके प्रेरणादायक जीवन से जोड़ने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में बच्चों से मुलाकात और विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने समागम में आए बच्चों को टॉफी-चॉकलेट वितरित की और उनका कुशलक्षेम जाना। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
सिख गुरुओं की प्रेरणा से समृद्ध होगा समाज
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख गुरुओं का बलिदान और उनकी परंपरा देश और समाज के लिए प्रेरणा है। उन्होंने समाज से आह्वान किया कि हम सब मिलकर सिख गुरुओं के योगदान को नई पीढ़ी के लिए उपयोगी और प्रेरणादायक बनाएं।