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Swaccha Mahakumbh: 15 हज़ार कर्मियों की मेहनत, श्रद्धालु हुए मुग्ध

बसंत पंचमी के पावन अवसर पर महाकुंभ के तीसरे अमृत स्नान के दौरान स्वच्छता व्यवस्था को लेकर उल्लेखनीय प्रबंध किए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मेला क्षेत्र को साफ-सुथरा और सुरक्षित बनाए रखने का लक्ष्य सफल होते हुए दिख रहा है।

4200 हेक्टेयर में विस्तृत इस विशाल मेला परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 44 घाटों का निर्माण किया गया। इनकी देखरेख में 15,000 स्वच्छता कर्मी और 2500 से अधिक गंगा सेवाकर्मी दिन-रात जुटे रहे हैं। बसंत पंचमी पर प्रशासन ने एक विशेष सफाई अभियान भी चलाया, जिसमें अखाड़ों के स्नान मार्गों को रातभर साफ करके तैयार किया गया। शीघ्र प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी- Quick Response Team) और स्वच्छता टीमों की मेहनत के कारण इस बार मेले की सफाई को श्रद्धालुओं ने खुलकर सराहा। यह पहली बार है जब इतने व्यापक स्तर पर स्वच्छता अभियान सफलतापूर्वक संचालित हुआ।

क्यूआरटी की सजगता और गंगा की स्वच्छता

मेला प्राधिकरण की विशेष अधिकारी आकांक्षा राना के अनुसार, घाटों और मेला क्षेत्र में क्यूआरटी टीमें सतत सक्रिय रहीं। कहीं भी कचरा दिखते ही उसे तुरंत हटाकर निस्तारण किया गया। अखाड़ों के मार्गों को न केवल स्वच्छ रखा गया, बल्कि धूल नियंत्रण के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव भी किया गया। नाविकों और स्टीमर के सहयोग से गंगा व संगम की सतह की सफाई का भी विशेष ध्यान रखा गया।

श्रद्धालुओं ने जताई संतुष्टि

यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं ने बात करते हुए बताया कि घाट पूरी तरह साफ-सुथरे थे और पूरे क्षेत्र में कचरा दिखाई नहीं दिया। “हर जगह कूड़ेदान रखे हैं और सफाई कर्मी लगातार अपना काम करते नज़र आते हैं।” इसके अलावा, घाटों पर श्रद्धालुओं द्वारा छोड़े गए कपड़ों को लेकर भी जागरूकता अभियान चलाया गया, ताकि अन्य लोगों को परेशानी न हो।

खुले में शौच रोकने के प्रयास

मेला प्राधिकरण ने खुले में शौच को रोकने के लिए एक खास मुहिम शुरू की है। स्वच्छता कर्मी और अधिकारी लोगों को 1.5 लाख शौचालयों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसके साथ ही, सफाई कर्मियों के लिए आवास, राशन, पेयजल, चिकित्सा सुविधा और उनके बच्चों के लिए स्कूल की व्यवस्था की गई है। बांदा और फतेहपुर जिले के कर्मियों ने इन सुविधाओं को सम्मानजनक बताया और महाकुंभ के अनुभव को “अद्भुत” करार दिया।

इस प्रकार, स्वच्छता और व्यवस्था के मामले में यह महाकुंभ एक मिसाल बनकर उभरा है, जहां प्रशासन और नागरिकों के सहयोग से एक सुरुचिपूर्ण वातावरण निर्मित किया गया।

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