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Balrampur: कागजों में ही सिमटा हरहटा का विकास, ग्राम प्रधान व सचिव ने मिलकर जमकर किया भ्रष्टाचार!

हरहटा: तुम्हारी फ़ाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है। मगर ये आँकड़े झूठे हैं ये दावा क़िताबी है। अदम गोंडवी साहब का ये शेर आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना जब ये लिखा गया होगा। खासकर, जब देश के सबसे पिछड़े जिले की बात की जाती है तो गांवों का विकास अपने आप में एक अलग ही अहमियत रखता है।

केंद्र व किसी भी प्रदेश सरकार की तो कोशिश रहती है कि वह धन व सुविधाएं ग्रामीण विकास के लिए उपलब्ध कराते रहें लेकिन कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि पूरा पैसा गांवों में नहीं लग पता है। इसका ताजा उदाहरण तुलसीपुर विकास खंड के अंतर्गत आने वाला ग्राम सभा हरहटा है।

यहां का विकास केवल कागजों में ही सिमट कर रह गया है। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी पर आरोप लगाते हुए बताया कि हरहटा ग्राम पंचायत में ना तो सामुदायिक शौचालय अभी तक सही हो सका है और ना गांव में कोई विकास नजर आ रहा है।

कुछ जगहों पर सीसी सड़कें बनवाई गई हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता सही नहीं है। गांव के विकास का बजट लगभग ढाई करोड़ रुपए आवंटित हुआ है, जिसका ग्राम प्रधान व अधिकारियों में जबरदस्त बंदर बांट किया है। गांव के विकास में भ्रष्टाचार किया गया है। कंपोजिट विद्यालय हरहटा में में लगे हैंड पम्प खराब हैं। उसके रिपेयरिंग के नाम पर ₹36 हजार रुपए दिए जा चुके हैं। लेकिन अभी तक नल हैंड पंप खराब अवस्था में ही है।

ग्रामीणों ने बताया कि सामुदायिक शौचालय का ऊपर से चमक अच्छा है। लेकिन अंदर की स्थिति अति निंदनीय है, जिसे हर साल देखभाल के लिए और निर्माण के लिए कई बार रुपए लिए जाते हैं। लेकिन अंदर की स्थिति जैसे थी वैसे ही बनी हुई है और हमेशा सामुदायिक शौचालय में ताला ही लगा रहता है। ग्रामीणों ने आगे बताया कि ग्राम विकास अधिकारी के मिली भगत से ही, गांव के विकास के बजट में बंदर बांट किया जा रहा है।

इस संबंध में न तो कोई अधिकारी सुनता है और ना ही कोई आकर देखता है और जांच करता है। हम लोगों ने कई बार इसकी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत हरहटा के विकास में हो रहे भ्रष्टाचार व बजट में बंदर बांट की जिले के उच्च अधिकारियों से जांच करवा कर कार्रवाई की मांग की है।

इस मामले पर ग्राम विकास अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कंपोजिट विद्यालय हरहटा में लगे हैंड पंप का रिबोर चुनाव के समय कराया गया था जिसका पेमेंट दिया जा चुका था। तब से आज तक ना कोई रिपेयरिंग हुई और ना रिबोर का पेमेंट दिया गया है।

वहीं, जब यूपी की बात ने इस पूरे मामले पर मुख्य विकास अधिकारी से बात करने की कोशिश की और उनको कई बार सीयूजी पर फोन किया तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। जब हमने इस मामले पर विकासखंड अधिकारी अनूप सिंह से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि अगर ऐसा मामला है तो उसकी जांच कर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। फिलहाल लोगों को सुविधाएं कब मिलती हैं यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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