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Firozabad News: निजी अस्पतालों पर शिकंजा कसने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग, डॉक्टर की लापरवाही ले रही मरीजों की जान

Firozabad के निजी अस्पतालों में डॉक्टर की लापरवाही से मरीजों की जान जा रही है। लेकिन जिले का स्वास्थ्य विभाग इस पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। ताजा मामला शिकोहाबाद थाना क्षेत्र का है, जहां एक निजि अस्पताल में प्रसव कराने आई महिला की जान चली गई। जहां परिजनों के जबरदस्त हंगामे के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
Updated:
Firozabad News: निजी अस्पतालों पर शिकंजा कसने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग, डॉक्टर की लापरवाही ले रही मरीजों की जान

फिरोजाबाद के निजी अस्पतालों में डॉक्टर की लापरवाही से मरीजों की जान जा रही है। लेकिन जिले का स्वास्थ्य विभाग इस पर बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। ताजा मामला शिकोहाबाद थाना क्षेत्र का है, जहां एक निजि अस्पताल में प्रसव कराने आई महिला की जान चली गई। जहां परिजनों के जबरदस्त हंगामे के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया।

मरीजों की जा रही जान, स्वास्थ्य विभाग बन बैठा है मूक-दर्शक

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से निजी अस्पताल बेलगाम नजर आ रहे हैं। इन अस्पतालों में इलाज सही से न होने के कारण मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है, लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मूक दर्शक बने बैठे हैं। ताजा मामला फिरोजाबाद जिले के थाना शिकोहाबाद क्षेत्र का है, जहां नेशनल हाईवे सर्विस रोड स्थित लाइफ केयर हॉस्पिटल में बीते दिन एक महिला की डिलेवरी कराई गई। इसके बाद महिला की हालत बिगड़ गयी।

मामला गंभीर होता देख प्रसूता को आगरा रेफर कर दिया गया। आगरा ले जाने के दौरान महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। परिजनों ने शव को हॉस्पिटल के सामने रखकर जमकर हंगामा किया। फिलहाल सूचना पर पहुंची पुलिस घटना की जांच पड़ताल कर रही है। वहीं हंगामा बढ़ता देख पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आनन फानन में अस्पताल को सील कर दिया है।

घटना स्थल पर पहुँचे एसीएमओ डॉ. विश्वदीप अग्रवाल का कहना है कि अस्पताल में प्रसूता की मौत की जानकारी मिली थी, पहली जांच के बाद अस्पताल को सील कर दिया है। घटना की अग्रिम जांच रिपोर्ट जल्द ही जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी को भेज दी जाएगी।

अनट्रेंड चिकित्सकों कर रहे इलाज

निजी अस्पतालों में संसाधनों की कमी के साथ ही अनट्रेंड चिकित्सकों से इलाज कराया जाता है। ये लोग मोटा पैसा कमाने के चक्कर में हर तरह के मरीजों का इलाज शुरू कर देते हैं लेकिन जब सही इलाज न मिलने से मरीज की हालत बिगड़ने लगती है तब उसे दूसरी जगह रेफर कर दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग तय मानकों के बिना ही निजी अस्पतालों के संचालन को हरी झंडी दे देता है। जिसके चलते आए दिन इस तरह की घटनाएं देखने को मिलती हैं।

आखिर कब होगी कार्रवाई!

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से मरीज की जान चली गई। हंगामा बढ़ता देख एसीएमओ ने अस्पताल को सील कर दिया। लेकिन इस मामले में अस्पताल संचालकों पर क्या कार्रवाई होगी इस बात की कोई गारंटी नहीं है। फिलहाल देखने वाली बात ये होगी कि इन जानलेवा अस्पतालों पर कब तक कार्रवाई होगी, या फिर सीलिंग की खानापूर्ति कर ये अस्पताल फिर से संचालित होने लगेंगे।

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