नोएडा प्राधिकरण के स्पोर्ट्स सिटी और ग्रुप हाउसिंग मामलों में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा लगाई गई आपत्तियों पर सोमवार को लखनऊ में लोक लेखा समिति (PAC) की बैठक हुई। बैठक में प्राधिकरण से दोनों मामलों में जवाब मांगा गया।
अधिकारियों ने बताया कि ग्रुप हाउसिंग विभाग की 15 में से 4 आपत्तियों का निपटारा किया गया, जबकि शेष 11 पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह, स्पोर्ट्स सिटी से संबंधित 8 आपत्तियों पर भी डिटेल रिपोर्ट मांगी गई है।
दो महीने में प्रस्तुत करनी होगी विस्तृत रिपोर्ट
स्पोर्ट्स सिटी से संबंधित जानकारी का विस्तार
स्पोर्ट्स सिटी मामले में 8 आपत्तियों पर लोक लेखा समिति ने विस्तृत जानकारी की मांग की है। समिति ने निर्देश दिया है कि इन बिंदुओं पर जानकारी स्पष्ट और डिटेल के साथ प्रस्तुत की जाए:
- भूमि आवंटन की प्रक्रिया: स्पोर्ट्स सिटी के लिए कितनी भूमि आवंटित की गई, कब और किन नियमों के तहत आवंटन हुआ।
- आवंटन प्रक्रिया: क्या 10% के नियम के तहत आवंटन किया गया था? इसका शासनादेश प्रस्तुत किया जाए।
- वर्तमान स्थिति: स्पोर्ट्स सिटी में कितने लोग रह रहे हैं, कितने फ्लैट खाली हैं, और खेल गतिविधियों की स्थिति क्या है।
दोबारा सुनवाई के लिए समय सीमा
स्पोर्ट्स सिटी मामले में पहले भी प्राधिकरण जवाब दे चुका है, लेकिन PAC उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुई। अब समिति ने प्राधिकरण को दो महीने के भीतर अधिक विस्तृत और सटीक जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
ग्रुप हाउसिंग में 4 आपत्तियों का समाधान
शेष 11 आपत्तियों पर मांगी गई रिपोर्ट
ग्रुप हाउसिंग विभाग की 15 में से 4 आपत्तियों का समाधान कर दिया गया है। शेष 11 आपत्तियों पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। अन्य विभागों की सुनवाई अगली तारीख पर होगी। वहीं अन्य विभागों की आपत्तियों पर इस बैठक में सुनवाई नहीं हो सकी। अगली बैठक में इन पर चर्चा की जाएगी।
2005-2017 के ऑडिट में 30,000 करोड़ की गड़बड़ी
CAG ने 2005 से 2017 तक नोएडा प्राधिकरण के कार्यों का ऑडिट किया था। इसमें लगभग 30,000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं की बात सामने आई थी। इन्हीं आपत्तियों पर PAC के समक्ष प्राधिकरण से जवाब मांगा जा रहा है।
विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना अनिवार्य
नोएडा प्राधिकरण के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वह स्पोर्ट्स सिटी और ग्रुप हाउसिंग मामलों में विस्तृत और पारदर्शी रिपोर्ट प्रस्तुत करे। लोक लेखा समिति के निर्देशों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी आपत्तियों का समाधान समय पर हो।