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Mahakumbh 2025 : महाकुम्भ में योगी सरकार कैसे खाद्य पदार्थो में मिलावटखोरी रोक रही? जाने सबकुछ

महाकुम्भ में बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से 'भोजन' और अन्य खाद्य पदार्थ है,और वर्तमान में खाद्य पदार्थो में मिलावटखोरी सबसे बड़ी चुनौती हैं।ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार और प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं |

By: Desk Team  RNI News Network
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Mahakumbh 2025 : महाकुम्भ में योगी सरकार कैसे खाद्य पदार्थो में मिलावटखोरी रोक रही? जाने सबकुछ

Mahakumbh 2025 : महाकुम्भ में बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से ‘भोजन’ और अन्य खाद्य पदार्थ है,और वर्तमान में खाद्य पदार्थो में मिलावटखोरी सबसे बड़ी चुनौती हैं।ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार और प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। पूरे मेला क्षेत्र को 5 जोन और 25 सेक्टरों में बांटकर खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है। प्रत्येक सेक्टर में फूड सेफ्टी ऑफिसर तैनात हैं, जो परोसे जाने वाले खाद्य पदार्थों की नियमित जांच कर रहे हैं। सेक्टर 24 में संकट मोचन मार्ग पर स्थित ऑफिस से फूड सेफ्टी की सभी व्यवस्थाओं का संचालन किया जा रहा है। वहीं से खाद्य पदार्थों की निगरानी और टीमों की मॉनिटरिंग भी की जा रही है।

क्या है फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स?

श्रद्धालुओं को खराब या मिलावटी भोजन से बचाने के लिए फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स का उपयोग किया जा रहा है। ये मोबाइल लैब्स मेला क्षेत्र में भोजन और पेय पदार्थों की ऑन-द-स्पॉट जांच कर रही हैं।शिकायत मिलने पर तत्काल कार्यवाई भी की जा रही हैं।
महाकुंभ नगर मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के व्यापक प्रबंध भी किए गए हैं। इसके तहत मेला क्षेत्र को 5 जोन में बांटकर खाद्य निगरानी की जा रही है। इसके अलावा हर सेक्टर में फूड सेफ्टी ऑफिसर की तैनाती की गई है। हर 5 सेक्टर पर एक चीफ ऑफिसर की निगरानी है। वहीं, झूंसी क्षेत्र में सबसे अधिक 14 सेक्टर सक्रिय हैं।

क्या हैं खाद्य पदार्थो में मिलावट?

खाद्य पदार्थो में मिलावट का अर्थ हैं कि मुनाफा बढ़ाने या दिखावट बढ़ाने के लिए खाद्य उत्पादों में घटिया या हानिकारक पदार्थ मिलाकर जानबूझकर बदलाव करना जिससे खाद्य पदार्थों में गुणवत्ता का स्तर निम्न हो जाता है, इसे ग्रहण करने से शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और अन्य शारिरिक विकार होने की आशंका बढ़ जाती हैं। खाद्य अपमिश्रण से आंखों की रोशनी जाना, हृदय सम्बन्धी रोग,लिवर खराब होना,आहार तंत्र के अन्य रोग, कैंसर और अन्य घातक बीमारियों के होने का भी खतरा बना रहता हैं।

क्या हैं कानूनी प्रावधान?

खाद्य मिलावट से निपटने के लिए 2006 में इन पहले से लागू सभी खाद्य अपमिश्रण अधिनियमो के स्थान पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम- 2006 आया जिसमे सजा और जुर्माना के कड़े प्रावधान किए गए एवं इसके तहत ही भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का गठन किया गया ।एफएसएसएआई का मुख्य काम मानव उपभोग के लिए सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों के मानक को बनाये रखने,गुणवत्ता की जांच करने और साथ ही उत्पादन, भंडारण, वितरण औऱ बिक्री की सुरक्षित व्यवस्था को बनाये रखना हैं।इसके साथ ही एफएसएसएआई वर्तमान मे खाद्य पदार्थो के लिए एकाधिक प्रमाणपत्रों के उन्मूलन, मानको का विस्तार तथा खाद्य क्षेत्र में व्यापार की सुगमता की सुविधा के लिए नियमों और प्रक्रियाओं में सुधार की दिशा में कार्य कर रहा हैं।उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 में भी खाद्य पदार्थो में मिलावट को लेकर सजा का प्रावधान किया हैं।

शिवांशु राय की रिपोर्ट

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