नोएडा में सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से सेफ सिटी प्रोजेक्ट को IIT की मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना के तहत शहर के विभिन्न 561 स्थानों पर कुल 2,100 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। नोएडा प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट की संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार कर IIT को भेजी थी, जिसे अब स्वीकृति मिल गई है। अब टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें लगभग एक महीने का समय लगेगा। इसके बाद मार्च के अंत तक सीसीटीवी कैमरों की स्थापना का कार्य शुरू हो जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 212 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
बेहतर गुणवत्ता वाले कैमरों से अपराधियों पर कसेगा शिकंजा
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि पहले भी यह परियोजना IIT द्वारा स्वीकृत की गई थी, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को जोड़ने की जरूरत थी। इन बिंदुओं में उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे, व्यापक टेंडर प्रक्रिया और एजेंसियों की जवाबदेही को शामिल किया गया। अब इस परियोजना में ऐसे आधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिनमें नाइट विजन और फेस डिटेक्शन जैसी उन्नत तकनीक मौजूद होगी। इससे संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान आसानी से हो सकेगी।
कैमरों से मिलेगी अपराधियों की लाइव लोकेशन
पुलिस के पास पहले से ही अपराधियों का डेटाबेस उपलब्ध है। यदि कोई वांछित अपराधी इन कैमरों के दायरे में आता है, तो उसकी लाइव लोकेशन और पहचान तुरंत कंट्रोल रूम में दिखाई देगी। इसके अलावा, कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन कर सकेंगे और उसमें बैठे लोगों की पहचान भी स्पष्ट रूप से संभव होगी।
थानों में भी होगी मॉनिटरिंग, SOS सिस्टम से मिलेगी तत्काल सहायता
परियोजना के तहत पुलिस कंट्रोल रूम के साथ-साथ थानों और चौकियों में भी मॉनिटरिंग स्क्रीन लगाई जाएगी। इन स्क्रीन को मुख्य कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, यह सिस्टम दो तरह की घटनाओं पर अलग-अलग रंगों में अलर्ट देगा—
1. जहां कोई महिला अकेली खड़ी हो।
2. जहां अत्यधिक भीड़भाड़ के कारण घटना की आशंका हो।
इसके अतिरिक्त, शहर में ‘सेव अवर सोल’ (SOS) सिस्टम भी लगाया जाएगा, जिससे आपातकालीन स्थिति में कोई भी नागरिक सीधे पुलिस को सूचना दे सकेगा।
212 करोड़ रुपये की लागत, 2025 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट
सेफ सिटी प्रोजेक्ट की कुल लागत 212 करोड़ रुपये है, जिसे नोएडा प्राधिकरण द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दिसंबर में आरएफपी प्रक्रिया पूरी होने के बाद चयनित कंपनी को सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाने, पोल लगाने और मॉनिटरिंग की ट्रेनिंग देने की जिम्मेदारी दी जाएगी। यह परियोजना 6 से 9 महीने में पूरी की जाएगी और 2025 तक पूरी तरह से संचालित होने की उम्मीद है।
पुलिस ने 561 स्थानों को चिह्नित किया
इस परियोजना के तहत जिन 561 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, उनकी सूची पुलिस विभाग द्वारा तैयार की गई है। इनमें बाजार, सरकारी और निजी स्कूल, मेट्रो स्टेशन, बस स्टैंड, मॉल और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों को प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा, गौतमबुद्ध नगर को दो हिस्सों—नोएडा और ग्रेटर नोएडा—में बांटा गया है। दोनों क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरों के पूरा बुनियादी ढांचा नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा तैयार किया जाएगा, जबकि संचालन की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होगी।