वृंदावन के गौशाला क्षेत्र के निकट 50 से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई के संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार गोस्वामी द्वारा याचिकाकर्ता उदयभान की तरफ से दाखिल की गई है।
पर्यावरणीय और आध्यात्मिक महत्व को नज़रअंदाज़ किया जाएगा
याचिकाकर्ता के अनुसार, वृंदावन के पर्यावरणीय और आध्यात्मिक महत्व को नज़रअंदाज़ करते हुए, इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की जा रही है, जिससे पारिस्थितिकी को भारी नुकसान हुआ है। यह घटना ताज ट्रेपेज़ियम जोन (TTZ) के अंतर्गत आती है, जो एक संवेदनशील पर्यावरणीय क्षेत्र है, जहाँ पेड़ों की कटाई पर सख्त पाबंदी है।
वृंदावन के पर्यावरण और उसकी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ा हुआ है मामला
वकील नरेन्द्र कुमार गोस्वामी ने बताया कि यह मामला वृंदावन के पर्यावरण और उसकी सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “यह केवल वृक्षों की कटाई का मामला नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र की पारिस्थितिकीय और धार्मिक धरोहर पर हमला है। वृंदावन की हरियाली और उसकी पवित्रता का संरक्षण हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।”
क्षेत्र में पुनर्वनीकरण की मांग से संबंधित याचिका
याचिका में पेड़ों की अवैध कटाई को रोकने और क्षेत्र में पुनर्वनीकरण की मांग की गई है। साथ ही, इस अवैध गतिविधि के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि इस कटाई के पीछे स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है, जिससे इस मामले की निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों के आलोक में, याचिकाकर्ता ने माननीय न्यायाधिकरण के समक्ष निम्नलिखित प्रार्थना रखी हैं।