आगरा में बिना मानकों के संचालित 69 अवैध होटलों का खुलासा हुआ है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा दी गई आरटीआई (RTI) जानकारी में स्वीकार किया गया है कि शहर में 52 होटल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। इसके अलावा, 17 अन्य होटल भी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। हालांकि, पर्यटन विभाग द्वारा अब तक इन अवैध होटलों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
हर साल लाखों पर्यटकों का आगमन, लेकिन होटल नियमों की अनदेखी
आगरा देश और दुनिया के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अनुसार, हर साल करीब 75 लाख पर्यटक ताजमहल का दीदार करने आते हैं। इनमें से लाखों पर्यटक आगरा में रुकते हैं और अन्य ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करते हैं। यही कारण है कि शहर में फाइव-स्टार होटलों के साथ-साथ हर गली-मोहल्ले में होटल खुल गए हैं। लेकिन कई होटल सरकारी नियमों और मानकों की अवहेलना कर रहे हैं।
69 होटल बिना रजिस्ट्रेशन के कर रहे संचालन
आरटीआई एक्टिविस्ट रवि गांधी ने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग से सूचना मांगी, जिसमें पता चला कि आगरा में 52 होटल अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। ये होटल सराय अधिनियम (Sarais Act) के तहत पंजीकृत नहीं हैं। हालांकि, पर्यटन विभाग ने यह भी बताया कि शहर में कुल 454 होटल वैध रूप से पंजीकृत हैं। रवि गांधी ने इन अवैध होटलों की शिकायत सरकार और प्रशासन से की है, जिसमें 17 अन्य होटल भी नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए गए हैं।
क्या कहता है कानून?
उत्तर प्रदेश सरकार ने 28 जून 2023 को “होटल एवं अन्य पूरक आवास (नियंत्रण) विनियमावली 2023” जारी की थी, जिसमें होटल, रिसॉर्ट, अतिथि गृह, फार्म स्टे आदि को सराय अधिनियम 1867 के तहत पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया था।
इस विनियमावली के अनुसार, यात्रियों के ठहरने के लिए इस्तेमाल होने वाली सभी आवास इकाइयों का पंजीकरण आवश्यक है। लेकिन आगरा के कई होटल बिना पंजीकरण के ही कार्य कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा और पर्यटन मानकों का उल्लंघन हो रहा है।
प्रशासन की सुस्ती पर उठ रहे सवाल
आरटीआई से साफ हुआ है कि पर्यटन विभाग को इन अवैध होटलों की जानकारी है, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही। यह न केवल सरकारी नियमों का उल्लंघन है, बल्कि पर्यटकों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार और प्रशासन कब तक इन अवैध होटलों के खिलाफ कार्रवाई करता है और आगरा के पर्यटन उद्योग को संगठित और सुरक्षित बनाने की दिशा में क्या कदम उठाए जाते हैं।