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Kanpur Dehat News: कानपुर में फैक्ट्रियों के प्रदूषण से प्रशासन पस्त, फैक्ट्री मस्त पर ग्रामीणों का बुरा हाल

In Kanpur, administration is devastated by pollution from factories, villagers are in bad condition

In Kanpur, administration is devastated by pollution from factories, villagers are in bad condition

किसी देश के विकास के लिए फैक्ट्रियां अहम भूमिका निभाती हैं। पर कई बार ये फैक्ट्रियां और इनके फर्मों से निकलने वाला वायु प्रदूषण वहां के स्थानीय लोगों के लिए मौत का कारण बन जाता हैं। खबर कानपुर देहात से है जहां पर फैक्ट्रीयों और फर्मों से निकलने वाला वायु प्रदूषण इतना खतरनाक है कि यहां हर साल करीब 12,000 से अधिक लोग अपने जान से हाथ धो बैठते हैं।

इसी के साथ ये उन लोगों के समाज को ज्यादा प्रभावित करता है जहां कम आय वाले लोग रहते हैं। ऐसे में यहां के आम ग्रामीणों ने इलाके में चल रहे टायर फैक्ट्रियों पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया है और यह भी कहा कि प्रशासन को बार-बार इस बारे में आगाह करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

मामला क्या है?

पूरा मामला कानपुर देहात के औद्योगिक क्षेत्र जैनपुर का है। जहां क्षेत्रीय ग्रामीण जनता ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इस इलाके में छोटे से छोटे उद्यमी भी है और बड़ी फैक्ट्रियां भी हैं जिसमें टायर से तेल निकालने वाली कंपनी प्रमुख है। जिसका नाम श्री जी इंडस्ट्री है। इसी इंडस्ट्री से इतना कचरा बाहर निकलता है कि हम लोगों का जीना दुश्वार हो गया है इस कंपनी से इतना जहरीला धुआं निकलता है कि घरों में जाकर इकट्ठा हो जाता है जिस से प्रदूषण होता है और उस प्रदूषण से लोगो को सांस लेने में भी दिक्कतें होती हैं। लेकिन हम लोग मजबूर हैं हम अपना घर छोड़कर कर कहीं नहीं जा सकते हैं।

जिला प्रशासन को इस मामले में कराया गया अवगत पर कोई लाभ नहीं

इस फैक्ट्री के खिलाफ कई बार जिला प्रशासन से शिकायत की गई, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला, फैक्ट्रीयों के मालिकों के आगे कोई कार्रवाई नहीं होती है। हालांकि पूरे मामले को लेकर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड अधिकारी मनोज चौरसिया से जब बात की गई तो उन्होंने इस कंपनी के खिलाफ पहले भी नोटिस जारी करके कार्यवाही की थी और उन्होंने कहा है कि यदि ऐसी कोई दिक्कत हैं तो फिर से दोबारा, नोटिस जारी करके कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कानपुर देहात का ये कोई पहला मामला नहीं है जहां से फ़ैक्ट्रियो पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगा हो। बल्कि, यहाँ से कई बार ऐसे मामले सामने आये है जिसपर प्रदूषण विभाग सिर्फ़ नोटिस जारी कर मामले को रफ़ा दफ़ा कर देती है। अब इस खबर के बाद ज़िला प्रशासन इस पर क्या एक्शन लेता है ये तो देखने वाली बात होगी!

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