उत्तर -प्रदेश की गरमाती राजनीतिक सरजमीं पर मुख्यमंत्री आदित्य नाथ ने सहारनपुर में एक रैली की। विपक्षी पार्टियों को कोसते हुए उन्होंने प्रदेश की विपक्षी बसपा ,समाजवादी और कांग्रेस को लपेटे में लेते हुए चुटकी ली और इन दलों को एक ही थाली के चट्टे -बट्टे बता दिया। विपक्षी पार्टियों को विधर्मी बताते हुए उन पर दंगाइयों व विधर्मियों को संरक्षण देने तक का आरोप लगा दिया ।
उन पर सीधे -सीधे आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष प्रदेश के कई जगहों पर दंगा करवा दिया जिसके कारण प्रशासन को सहारनपुर व मुझफ्फरनगर में कर्फ्यू तक लगाना पड़ा। मुज्जफरनगर व राज्य के अन्य जगहों पर हाल के दिनों में साम्प्रदयिक विद्वेष की आग इस हद तक भड़की कि भाजपा सरकार को दंगाइयों को काबू में करने के लिए दंडात्मक कार्रवाई तक करनी पडी।
सत्तापक्ष द्वारा विकास कराने की बात कहते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासनीत भारतीय जनता पार्टी ने जहाँ बड़े पैमाने पर विकास कार्य करवाकर उत्तर -प्रदेश को विकास की ऊचाइयों तक पहुंचाया वहीं , विपक्ष न सरकार पर हमलावर होते हुए न केवल दंगा भड़काने का काम किया बल्कि प्रदेश की विकासन्मुखी सरकार के काम -काज को प्रभावित तक किया। वहीं , जातिवादी राजनीति करने वालों ने सहारनपुर को मजहबी उन्माद का सेंटर बना दिया।
अपने धाराप्रवाह सम्बोधन के क्रम में योगी ने सहारनपुर को गंगा व यमुना के आशीर्वाद प्राप्त होने की बात करते हुए पिछले कांग्रेस, सपा व बसपा शासन में उत्तर -प्रदेश में कोई विकास कार्य नहीं होने का आरोप तक लगाया। वहीं , उत्तर -प्रदेश में साल 2014 में हुए दंगों की बात करते उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के शासन में पूरा तंत्र माफियाओं व मजहबी ताकतों की गिरफ्त में था जिसे भाजपा शासन में मुक्त कराया। किसानों का सम्मान वापस दिलाया।