उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ प्रयागराज महाकुंभ 2025, अयोध्या धाम और नैमिषारण्य धाम के पर्यटन विकास की परियोजनाओं की समीक्षा की। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रदेश के मुख्य सचिव और विभिन्न विभागों के अन्य प्रमुख सचिव भी परियोजनाओं की प्रगति से अवगत कराए गए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महाकुंभ 2025, अब तक के सभी कुंभ पर्वों के मुकाबले कहीं अधिक दिव्य और भव्य होगा। उन्होंने इसे मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए कहा कि यह आयोजन पूरी दुनिया को सनातन भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परंपरा, विविधता और लोक आस्था से परिचित कराएगा।
2019 में हुए कुंभ में जहां 5,721 संस्थाओं का सहयोग प्राप्त हुआ था, वहीं महाकुंभ 2025 के लिए लगभग 10,000 संस्थाएं मिलकर कार्य कर रही हैं। मेला क्षेत्र को 4,000 हेक्टेयर में विभाजित 25 सेक्टरों में बांटा गया है, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। 12 किलोमीटर लंबे घाट, 1,850 हेक्टेयर में पार्किंग, 450 किलोमीटर चकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल, 67,000 स्ट्रीट लाइट, 1,50,000 शौचालय, और 1,50,000 टेंट के अलावा 25,000 से अधिक सार्वजनिक आवासों की व्यवस्था की जा रही है। विशेष स्नान पर्वों के लिए विशेष कार्य योजना भी तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने पवित्र स्थलों जैसे हनुमान मंदिर कॉरिडोर, अक्षयवट पातालपुरी, सरस्वती कूप, भारद्वाज आश्रम आदि के जारी पर्यटन विकास कार्यों को नवंबर तक पूरा करने के निर्देश दिए। गंगा नदी में जीरो डिस्चार्ज सुनिश्चित करने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हर श्रद्धालु को गंगा में अविरल और निर्मल स्नान सुलभ हो, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित है।
केंद्रीय मंत्री ने भी इस अवसर पर महाकुंभ के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व की सराहना की और आश्वासन दिया कि सभी विभाग समय से अपने कार्य पूरे कर लेंगे। सूचना, स्वच्छता, संचार और सुरक्षा को आयोजन की सफलता के चार मुख्य स्तंभ बताते हुए उन्होंने कहा कि इन बिंदुओं पर होलिस्टिक एप्रोच के साथ कार्य किया जाना चाहिए।
नैमिषारण्य धाम के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन की घोषणा की। स्वदेश दर्शन-2 योजना के तहत इस क्षेत्र को सम्मिलित किया गया है। नैमिषधाम के पुनरुद्धार के बाद यहां पर्यटकों और श्रद्धालुओं का आगमन बढ़ने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैदिक ज्ञान को प्रोत्साहित करने के लिए नैमिषारण्य धाम में वेद विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाएगी। परियोजनाओं के तय समय में पूरा किए जाने के निर्देश भी दिए गए।
अयोध्याधाम विकास के विजन डॉक्यूमेंट-2047 की प्रगति की भी समीक्षा की गई। केंद्रीय मंत्री ने इसमें हो रहे कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए परियोजनाओं की समयबद्धता पर जोर दिया।
यह आयोजन उत्तर प्रदेश के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर है। विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष एप की शुरुआत और साइनेज पर बारकोड लगाने की बात कही गई, जिससे पर्यटक स्थल की पूरी जानकारी पा सकें।
नए पर्यटन स्थलों को उभारने पर भी जोर दिया गया, जिससे राज्य में पर्यटन का समग्र विकास हो सके। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने भी इच्छा जताई कि विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन उत्तर प्रदेश की संस्कृति विभाग के समन्वय से किया जाए।
इस प्रकार, प्रयागराज महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बनेगा, बल्कि भारतीय संस्कृति के वैश्विक प्रसार का भी माध्यम होगा, जिसकी तैयारी में सरकार और विभिन्न विभाग जुटे हुए हैं।