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यूपी परिवहन निगम की बसों से यात्रा करने वालों की बढ़ी मुश्किलें, अब ये नई व्यवस्था लागू

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यूपी रोडवेज की बसों का पहले से ही खस्ता हाल है। यात्रियों को पहले से ही खटारा बसों से यात्रा करने को मजबूर होना पड़ता है। रास्ते में बसों के खराब होने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है, तो कहीं ओवरलोड की वजह से खड़े-खड़े यात्रा करना पड़ता है। इन सभी समस्याओं के बीच यात्रियों के सामने एक और बड़ी समस्या आ गई है। अब यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए दूसरे यात्रियों का इंतजार करना पड़ेगा। अब आप सोच रहे होंगे ये कैसी नई विडंबना सामने आ गई है तो हम आपको बताते हैं।

दरअसल, अब यूपी रोडवेज की बसों से यात्रा करने के लिए लोगों को बस की टाइमिंग का नहीं, दूसरे यात्रियों का इंतजार करना होगा। नए नियम के मुताबिक जब तक बसों में 25 यात्री नहीं हो जाएंगे तब तक बस नहीं चलेगी। पहले ऐसा नहीं था। पहले बसों की एक निर्धारित टाइमिंग होती थी। लेकिन अब निर्धारित वक्त के हिसाब से बसें नहीं चलेंगी। जो भी बस स्टैंड से चलने वाली होगी, जब तक उसमें 25 यात्री नहीं हो जाएंगे, तब तक नहीं चलेगी। इस तरह से जो यात्री यात्रा करने के लिए बस में पहले आएंगे, वे बाद में आने वाले यात्रियों से ज्यादा समय में यात्रा करेंगे।

परिवहन निगम ने ये नई व्यवस्था शुरू क्यों किया है इसको जानते हैं। आपको बता दें कि जुलाई और अगस्त महीने में यात्रियों की संख्या कम हो गई, जिससे परिवहन निगम को घाटा लगा। परिवहन निगम ने घाटे से उबरने के लिए ये नई व्यवस्था शुरू कर दी। नई व्यवस्था में गोरखपुर से दिल्ली और लखनऊ रूट पर विशेषकर रात के समय चलने वाली बसें कम हो गई हैं। गोरखपुर डिपो से प्रतिदिन पांच बसें दिल्ली के लिए चलती थीं, अब चार चल रही हैं। गोरखपुर डिपो से लखनऊ के लिए प्रतिदिन 20 बसें चलती थीं, अब 15 ही चल रही हैं। राप्तीनगर डिपो की राजधानी एक्सप्रेस बस को प्रयागराज रूट पर चलाया जा रहा है।

रोडवेज बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या भले ही कम हो गई हो, लेकिन दिल्ली और लखनऊ के जो नियमित यात्री हैं, उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें बस स्टेशनों पर इंतजार करना पड़ रहा है। लोग प्राइवेट बस या ट्रेनों से अपनी यात्रा पूरी कर रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी रात में यात्रा करने वालों को हो रही है। आपको बता दें कि गोरखपुर परिक्षेत्र में पिछले साल निगम को 41 करोड़ 18 लाख की आय हुई थी। इस साल अभी तक सिर्फ 38 करोड़ 82 लाख की कमाई हुई है।

परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके तिवारी का कहना है कि त्योहारों में यात्रियों की संख्या बढ़ते ही बसों का संचालन सामान्य हो जाएगा। घाटे को कम करने के लिए परिचालकों व चालकों को कम से कम 25 यात्री होने पर ही बस संचालित करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसकी निगरानी भी कराई जा रही है। शाम छह से रात 10 बजे तक बसों की मॉनिटरिंग बढ़ा दी गई है। परिक्षेत्र में कुल 766 बसें हैं, जिनमें 60 एसी और 75 अनुबंधित बसें चल रही हैं। एक बस में लगभग 50 यात्री बैठते हैं। ऐसे में त्योहार आने तक यात्रियों को रोडवेड बसों से यात्रा करने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

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