भारत स्ट्रेन को डिकोड करने वाला पहला देश बना
देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से कम हो रही है। साथ ही दो वैक्सीन को इजाजत भी दे दी गई है। हाल में दुनिया के सामने एक नई मुसीबत आई थी, जहां ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया वेरियंट स्ट्रेन मिला।
नया वेरियंट पहले से ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि ये एक व्यक्ति से दूसरे में काफी तेजी से फैलता है। ब्रिटेन से आए यात्रियों के जरिए ये स्ट्रेन भारत भी पहुंच गया, लेकिन शनिवार को भारतीय वैज्ञानिकों को नए वेरियंट की जांच में एक बड़ी कामयाबी मिली।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद आईसीएमआर ने शनिवार को ट्वीट कर बताया कि उनके वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को डिकोड कर लिया है, जहां नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में उसकी पहचान की गई। ऐसे में अब भारत स्ट्रेन को डिकोड करने वाला पहला देश बन गया है।
ICMR और NIV के वैज्ञानिक कोरोना के नए स्ट्रेन को बढ़ने से रोकने के लिए वैरो सेल लाइन का इस्तेमाल कर रहे हैं। ICMR के मुताबिक ब्रिटेन से लौटे नागरिकों से पहले वायरस का सैंपल लिया गया। बाद में उसकी विस्तृत जांच पर ये कामयाबी मिली।
ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिलते ही लॉकडाउन लागू हो गया। इसके अलावा भारत ने भी तत्काल प्रभाव से वहां से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद पहले आए मरीजों को ट्रेस किया गया, जिसमें अब तक 33 लोगों में नया वेरियंट मिला है।
इसके अलावा अभी 15 लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है। वहीं इन पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आए लोगों को भी ट्रेस करके आइसोलेट किया जा रहा है। हालांकि वैज्ञानिक ने साफ कर दिया है कि नया स्ट्रेन तेजी से तो फैलता है, लेकिन ये मौत के मामलों में इससे बढ़ोतरी की आशंका कम ही है।