गंगा और पांडु नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) ने बड़ा फैसला लिया है। अब इन नदियों में गिरने वाले 14 नालों को पूरी तरह से टैप किया जाएगा, जिससे इनकी गंदगी से पूरी तरह मुक्ति मिल सकेगी। पहले इन नालों की सफाई के लिए बायोरेमेडिएशन तकनीक अपनाने की योजना थी, लेकिन अब इन्हें स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया गया है।
IIT रुड़की बनेगा टेक्निकल पार्टनर
NMCG ने इस प्रोजेक्ट के लिए 166 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है और IIT रुड़की को टेक्निकल पार्टनर बनाया गया है। IIT रुड़की की टीम जल्द ही शहर का दौरा करेगी और सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके आधार पर नालों को टैप करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के नेतृत्व में बैठक
दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की अध्यक्षता में एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई, जिसमें एमडी जल निगम डॉ. राजशेखर, NMCG के अधिकारी और नगर आयुक्त सुधीर कुमार शामिल हुए। इस बैठक में शहर के कुल 28 नालों पर चर्चा हुई।
बैठक में पाया गया कि:
गंगा और पांडु नदी में गिरने वाले नालों की स्थिति
शहर में कुल 28 नाले हैं, जिनमें से:
14 नालों को पूरी तरह से बंद करने का प्रस्ताव
जल निगम ने गंगा में गिरने वाले 6 अनटैप, पांडु नदी में जाने वाले 3 अनटैप और 2 आंशिक टैप नालों को पूरी तरह से टैप करने का प्रस्ताव पेश किया था।
सीवेज गिरने की वर्तमान स्थिति:
इन नालों के टैप होने के बाद गंगा और पांडु नदी में गिरने वाला सारा सीवेज पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
नगर आयुक्त और जल निगम के एमडी का बयान
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने जानकारी दी कि 166 करोड़ रुपये के बजट को NMCG द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। IIT रुड़की की टीम सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जिसके बाद नालों को टैप करने का काम शुरू होगा। एमडी जल निगम डॉ. राजशेखर ने कहा कि अब शहर में गंगा और पांडु नदी में गिरने वाले सभी नालों को टैप कर दिया जाएगा, जिससे ये नदियां प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ बन सकेंगी।