उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक में उन्होंने प्रदेश के विकास कार्यों को सभी 75 जिलों तक समान रूप से पहुंचाने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जन महत्व की परियोजनाओं में न तो समयबद्धता से और न ही गुणवत्ता से कोई समझौता किया जाएगा। यदि किसी परियोजना में गड़बड़ी पाई गई, तो जूनियर इंजीनियर से लेकर प्रमुख अभियंता तक सभी की जवाबदेही तय की जाएगी।
सीएम योगी ने कहा कि अगर कोई कांट्रेक्टर या फर्म अनुबंध के नियमों का उल्लंघन करती पाई जाती है, तो उसे ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। सड़कों और पुलों की स्वीकृति से पहले उनकी लोक महत्ता का अवश्य आंकलन किया जाना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमाओं पर भव्य ‘मैत्री द्वार’ के निर्माण को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। यह न केवल सौंदर्य में वृद्धि करेगा बल्कि पड़ोसी राज्यों और देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को भी बढ़ावा देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले के प्रमुख पंथों, समुदायों के धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों तक बेहतरीन कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाए।
सड़क निर्माण, चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के कार्यों में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखा जाए।
प्रदेश की सभी विधानसभाओं के प्रमुख जिला मार्गों की चौड़ाई न्यूनतम दो-लेन और अन्य जिला मार्गों को न्यूनतम डेढ़-लेन तक बढ़ाई जाएगी। प्रत्येक विधानसभा में आवश्यकता के अनुसार तीन लघु सेतुओं के निर्माण की कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी।
इन निर्देशों से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के विकास कार्यों में एक संतुलन और समग्र दृष्टिकोण अपनाना चाहते हैं, जिससे राज्य की बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता और उपलब्धता में सुधार हो सके।