उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) अभ्यर्थियों के लिए एक पारदर्शी और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। इस दिशा में आयोग ने विभिन्न सुधार और परिवर्तन किए हैं जो अभ्यर्थियों के हित में हैं।
परीक्षा केंद्र निर्धारण और पारदर्शिता
- सरकारी संस्थानों को प्राथमिकता: अभ्यर्थियों के अनुरोध पर, केवल सरकारी और अर्ध-सरकारी शिक्षण संस्थानों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है।
- भ्रामक जानकारी के प्रयास: आयोग ने चेतावनी दी है कि नकल माफिया और कोचिंग संस्थान प्रतियोगी छात्रों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं।
PCS परीक्षा प्रणाली में बदलाव
- वैकल्पिक विषय का हटाना: PCS मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय को हटाने का निर्णय लिया गया है, जिससे परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
- स्कलिंग केलिंग प्रणाली समाप्त: छात्रों की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए स्केलिंग प्रणाली को खत्म कर दिया गया है।
परीक्षा में सामान्यीकरण प्रक्रिया
- नॉर्मलाइजेशन: परीक्षा के कई पालियों में होने के कारण, परिणाम को सामान्यीकृत करने के लिए प्रख्यात विशेषज्ञों के सुझावों को अपनाया गया है।
- दो पालियों की अनुशंसा: सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित राधाकृष्णन कमेटी की सिफारिश पर भी परीक्षा दो पालियों में कराई जा रही है।
साक्षात्कार प्रक्रिया
- गोपनीयता और निष्पक्षता: साक्षात्कार प्रक्रिया को कोडिंग आधारित किया गया है जिससे अभ्यर्थियों की पहचान गुप्त रहती है।
- लिखित परीक्षाओं का मूल्यांकन: उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को भी पारदर्शी और त्रुटि रहित बनाया गया है, जहां रोल नंबर के स्थान पर कोड का उपयोग किया जाता है।
वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रणाली
OTR सुविधा: अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए OTR प्रणाली लागू की गई है, जिससे आवेदन प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाया गया है।
चयन प्रक्रिया में समयबद्धता
तेजी से चयन प्रक्रिया: आयोग ने विभिन्न पदों के लिए तेजी से चयन प्रक्रिया पूरी की है, जैसे की चिकित्सा अधिकारी और दंत सर्जन के पद।
UPPSC ने पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए परीक्षा और चयन प्रक्रिया में विभिन्न सुधार किए हैं। चयन प्रक्रिया को और भी प्रभावी और निष्पक्ष बनाने के लिए आयोग निरंतर प्रयासरत है और परीक्षार्थियों की भलाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।