6 वर्ष बाद एक बार पुनः यूपी में अंतर्राष्ट्रीय आयुष मेले का कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है जो कि उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ के अवध ग्राम में होगा। आयुष फॉर वन हेल्थ विषय पर आधारित यह कार्यक्रम 22 फरवरी से 25 फरवरी तक चलेगा। जिसमें आयुष सेक्टर से संबंधित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले 2019 में वाराणसी में इस अंतराष्ट्रीय आरोग्य मेले का आयोजन हुआ था।
इस मेले में देश के 60 से अधिक देश के प्रतिनिधि शामिल होने की संभावना है। आयुष विभाग प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आरोग्य 2024 का आयोजन आम लोगों के स्वास्थ्य यात्रा को मजबूत बनाने, आयुष प्रथाओं में वृद्धि देने, उसे विकसित करने और नागरिकों के बीच जागरूकता के उद्देश्य से इसे किया जा रहा है। आपको बता दें कि भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की तरफ से इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है।
‘आयुष फॉर वन हेल्थ’ थीम पर इस सम्मेलन को रखा गया है जिसमें आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी (आयुष) सहित पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों की ताकत और वैज्ञानिक मान्यता के बारे में भी बताया जाएगा। जो की आयुष चिकित्सा के वैश्विक प्रचार, विकास और मान्यता में वृद्धि का मार्ग बनेगा। सम्मेलन के दौरान विभिन्न सत्रों में कई विषयों पर विस्तार से चर्चा-परिचर्चा की जाएगी।
आपको बता दें कि आयुष मंत्रालय, स्वास्थ्य और वैलनेस क्षेत्र के विकास के लिए सक्रिय रूप से अपनी भूमिका को मिभा रहा है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आयुष मंत्रालय के मदद से तैयार आईसीडी 11-अध्याय 26 मॉड्यूल 2 को जारी करके एक मील का पत्थर स्थापित किया गया है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जनवरी को मन की बात कार्यक्रम में इस वैश्विक सफलता का उल्लेख करते हुए भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में बताया था।
ऐसे में अंतरराष्ट्रीय आरोग्य 2024 में इस आयोजन से समग्र स्वास्थ्य और वैलनेस के क्षेत्र में, सहयोग के साथ नवाचार के लिए लोगों को एक वैश्विक मंच उपलब्ध कराने की और अग्रसर है। जिसका उद्देश्य वैश्विक मान्यता को प्रोत्साहित करके, आयुष पद्धतियों को बढ़ावा देना और इसका विकास करने का साथ जागरूकता बढ़ाना है।
•सीईओ राउंड टेबल सम्मेलन का आयोजन: वैश्विक स्तर पर आयुष क्षेत्र की चुनौतियों और अवसरों की खोज
•आयुष की वैश्विक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए नियामक एवं आयुष पोषण (आयुर्वेद आहार) आयोजन
•समग्र स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में बढ़ावा देने, आयुष उत्पादों, सेवाओं का वैश्वीकरण और मानकीकरण पर आयोजन
•पारंपरिक उत्पादों के लिए भारत के निर्यात का मूल्यांकन, फार्मा और आयुष का समन्वय
•एकीकृत स्वास्थ्य सेवा समाधानों के लिए सहयोगात्मक नजरिये की खोज, आयुष उत्पादों के अनुसंधान, विकास और विनिर्माण के क्षेत्र में प्रगति के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करने की ओर अग्रसर।