सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद भी किसान परेशान नजर आ रहे हैं। सिंचाई विभाग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मनसा के विपरीत काम कर किसानों की मुश्किलें बढ़ा रहा है। ताजा मामला आगरा जिले से सामने आया है। यहां के जगनेर स्थित मेवली बांध पर सिंचाई विभाग ने मरम्मत का कार्य कराया। लेकिन मौके की स्थिति और किसानों की मानें तो काम सिर्फ फाइलों में हुआ है। जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।
आगरा के जगनेर बांध के किनारे झाड़ियां खड़ी हैं और मिट्टी का कटान हो रहा है। यही नहीं बांध के पास ही सिंचाई विभाग का महीनों पहले क्षतिग्रस्त हुआ साइन बोर्ड भी पड़ा हुआ है। सिंचाई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी गहरी नींद सोए हुए हैं। तो वहीं बांध के सहारे अपनी फसलों से साल भर गुजारा करने वाले किसान परेशान नजर आ रहे हैं। किसानों का कहना है कि सिंचाई विभाग द्वारा यहां घटिया स्तर का काम कराया गया है। जिससे आने वाले समय में यह बांध टूट सकता है और यहां पानी की बर्बादी होगी।
अगर बांध टूटा तो फसलें तो बर्बाद होंगी ही साथ ही किसान दाने-दाने को मोहताज हो जाएंगे। किसानों का कहना है कि अगर बांध टूटा तो वाटर लेवल भी गिर जाएगा और इस बांध के जरिए आसपास के 25 गांव के किसान परेशान हो जाएंगे। इसके बाद भी सिंचाई विभाग की ओर से सिर्फ खानापूर्ति की गई है।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साफ आदेश हैं कि किसानों और ग्रामीण अंचल में किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। लेकिन इसके बावजूद भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी ठेकेदार और अधिकारी सब आदेशों को दरकिनार कर अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं। ऐसे में अब देखना है कि सरकार ऐसे अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कब तक कार्रवाई करती है।
आगरा से संवाददाता सैय्यद शकील की रिपोर्ट।