लखनऊः उत्तर प्रदेश में मानसून 25 जून के बाद कभी भी दस्तक दे सकता है नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने पर बाढ़ की एक बड़ी विभीषिका सामने आती रही है। लगभग हर साल सिंचाई विभाग परियोजनाओं सहित बाढ़ बचाव कार्य कराता है जो इस बाढ़ की विभीषिका में बह जाते है हर वर्ष कई सौ करोड़ रूपये सिंचाई विभाग खर्च कर बाढ़ बचाव की तैयारियां करता है। इस वर्ष भी प्रदेश में सिंचाई विभाग द्वारा कई परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है एवं बाढ़ बचाव की तैयारियां की जा रही है खास तौर पर हम अगर गंडक जोन की बात करे तो उस जोन में कार्य अभी अधूरा है जो यह एक बड़ी चिंता का विषय है कुछ भ्रष्ट एवं नकारा इंजीनियरों की लापरवाही से इस वर्ष भी बाढ़ से क्षति हो सकती है समय से कार्य न पूरा होना एवं गुणवत्तापरक कार्य न होना यह एक बड़ा कारण है इसको लेकर लगातार प्रमुख अभियंता बाढ़ संदीप कुमार द्वारा लगातार दौरे किये गये और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को उनके द्वारा दिशा निर्देश भी दिये गये।
लोकसभा चुनाव होने के कारण विभागीय मंत्री और विभागीय प्रमुख सचिव दोनो की कार्यो पर ध्यान नही दे पाये अब जबकि मानसून आने में समय कम रह गया है लगातार बारिश होने से नेपाल की पहाड़ी नदियां उफान पर होंगी तब उस समय नेपाल जैसे ही पानी छोड़ेगा तो विनाश की लीला शुरू हो जाएगी यह कहानी हर वर्ष की है। गंडक जोन में लगातार यूपी की बात ने कार्यो की पड़ताल की उसमें कार्य अधूरे और तैयारियां अपूर्ण है अब जबकि मानसून आने में कुछ दिन बाकी है तो मंत्री और प्रमुख सचिव को बाढ़ की बैठक की याद आई आज की बैठक का मुख्य एजेंडा है वो बाढ़ परियोजनाओं को पूरा कराना एवं बाढ़ परियोजनाओं केा समय से पूरा कर लेना है अब देखना ये है कि आज बैठक में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि बाढ़ की परियोजना हमेशा हमारे लिए अति महत्वपूर्ण रहती है।
जिस तरीके से मानसून 20 जून के आस पास आता है उससे पहले सभी तैयारियां हमारी तरफ से पूर्ण हो चुकी हैं और वही बुंदेलखंड में तालाब और बांध की परियोजनाओं का काम लगभग पूर्ण हो चुका है और प्रदेश सरकार की नीतियों के आधार पर हर मई के माह में ट्यूबवेल व अन्य माध्यमों से सभी तालाबों को भरने का काम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराया जाता रहा है वही जो कार्य अभी बचे रह गए है उस पर भी विभाग पूर्णतया नजर बनाया हुआ है और मानसून आने से पहले सभी कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा।