बलिया जिले के बांसडीह विधानसभा क्षेत्र के करममर में सिंचाई विभाग द्वारा बनाई गई सड़क महज एक माह में ही खराब हो गई है। यह सड़क इतनी कमजोर साबित हुई कि जगह-जगह से टूटकर उखड़ गई है। सड़क की सतह पूरी तरह से बिखर चुकी है, और नीचे की मिट्टी व गिट्टियां स्पष्ट रूप से नजर आने लगी हैं। लगभग तीन किलोमीटर लंबी यह सड़क अब चलने लायक भी नहीं बची है।
सड़क बनी, लेकिन एक माह भी नहीं टिकी
सरकार और अधिकारी दावा करते हैं कि सड़कों की गुणवत्ता इतनी अच्छी होती है कि वे पांच साल तक बिना किसी दिक्कत के टिकती हैं। लेकिन करममर की यह सड़क एक महीने भी नहीं चल सकी, जिससे स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है।
गांव के निवासी बताते हैं कि जब यह सड़क बन रही थी, तभी उन्होंने इसकी गुणवत्ता को लेकर आपत्ति जताई थी। लेकिन किसी ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। करममर मठिया के ग्रामीणों का कहना है कि सड़क इतनी कमजोर बनी थी कि एक लड़के ने जब उस पर साइकिल का ब्रेक मारा, तो सड़क की परत उखड़ गई।
स्थानीय निवासी राहुल यादव ने बताया, “यह सड़क करममर से परानपुर तक बनाई गई थी, जिसमें केमिकल मिलाकर निर्माण किया गया। सड़क बनने के मात्र तीन दिन बाद ही यह टूटने लगी। जब ग्रामीणों ने ठेकेदारों से इस बारे में बात की, तो उन्होंने दोबारा मरम्मत करने का आश्वासन दिया, लेकिन फिर गायब हो गए। अब पूरी सड़क जगह-जगह से उखड़ चुकी है।”
अधिकारियों की उदासीनता
सड़क निर्माण के दौरान सिंचाई विभाग का कोई अधिकारी यह जांच करने तक नहीं आया कि सड़क की गुणवत्ता सही है या नहीं। जब इस मुद्दे पर सिंचाई विभाग के अधिकारी राकेश कुमार से बात की गई, तो उन्होंने इस पर कोई सीधी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। हालांकि, मौखिक रूप से उन्होंने सड़क का निरीक्षण कराने की बात कही है।
स्थानीय लोगों की मांग है कि इस सड़क की तत्काल मरम्मत कराई जाए और घटिया निर्माण कार्य के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई हो। लेकिन अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है या फिर यह सड़क यूं ही बदहाल बनी रहेगी।