Site icon UP की बात

Mahakumbh 2025: इसरो ने जारी की प्रयागराज महाकुंभ की अद्भुत तस्वीरें, तकनीकी दृष्टिकोण से महाकुंभ का अवलोकन

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन शुरू हो चुका है, जो 26 फरवरी तक चलेगा। इस पावन अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने रडार इमेजिंग उपग्रह से कुछ अनोखी तस्वीरें भेजी हैं।

रडार इमेजिंग उपग्रह का उपयोग

हैदराबाद स्थित इसरो के राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) ने रडार उपग्रह रीसैट-1ए द्वारा ली गई इन तस्वीरों को जारी किया है। इन तस्वीरों में महाकुंभ क्षेत्र में होने वाले व्यापक बदलावों को देखा जा सकता है, जिसमें टेंट सिटी, सड़कें और नदी पर बने पांटून पुल शामिल हैं।

NRSC के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान ने बताया कि रडारसैट इसलिए उपयोग किया गया क्योंकि यह बादलों के बीच से तस्वीरें ले सकता है, जिससे सभी मौसमों में स्पष्ट छवियां प्राप्त होती हैं।

विज्ञान और परंपरा का संगम

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि महाकुंभ मेला यह दर्शाता है कि कैसे तकनीकी प्रगति और पारंपरिक आयोजनों का मेल एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य के निर्माण में सहायक हो सकता है।

तस्वीरों की विशेषताएं

NRSC के अनुसार, ये तस्वीरें 15 सितंबर 2023 (कुंभ मेला आयोजन से पहले) और 29 दिसंबर 2024 की हैं। इन्हें EOS-04 (RISAT-1A) ‘C’ बैंड माइक्रोवेव उपग्रह ने कैद किया है, जो अत्यधिक रिज़ॉल्यूशन (FRS-1, 2.25 मीटर) के साथ सभी मौसमों में तस्वीरें लेने की क्षमता रखता है।

महाकुंभ का महत्व

महाकुंभ, जो हर 12 साल में आयोजित होता है, एक भव्य धार्मिक आयोजन है। यह 13 जनवरी से प्रारंभ हो चुका है और 45 दिनों तक चलेगा। अभी तक सात करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ नगर के अतिरिक्त जिलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि 15 लाख से अधिक कल्पवासियों के आने की उम्मीद है।

Exit mobile version