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Lucknow News: बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एक्सप्रेसवे कवरेज को विस्तार देना आवश्यक: CM Yogi

addressing the people in Ayodhya, Yogi said, 'Elections 2024 is divided between Ram devotees and Ram traitors'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में निर्माणाधीन एवं नवीन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं तथा औद्योगिक कॉरीडोर और डिफेंस कॉरीडोर के विकास की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में, बीते 07 वर्ष में उत्तर प्रदेश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। 2017 तक मात्र 02 एक्सप्रेस-वे वाले इस प्रदेश में आज 06 एक्सप्रेस-वे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग भी 07 वर्ष पहले की तुलना में लगभग दोगुने हो गए हैं। आज उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेसवे प्रदेश के रूप में नई पहचान मिल रही है।

दिए ये निर्देश…

● मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाली गंगा एक्सप्रेस-वे किसी भी स्थिति में आगामी दिसंबर तक, आम जनता के लिए उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखें, ताकि प्रयागराज कुंभ 2025 में देश-दुनिया से आए श्रद्धालु-गण गंगा एक्सप्रेसवे पर यात्रा का आनंद उठा सकें।

● गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रगति अच्छी है। गोरखपुर, संतकबीर नगर आजमगढ़ और अम्बेडकर नगर जनपद के लिए यह शानदार कनेक्टिविटी का माध्यम बनेगा। इसी के साथ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस का निर्माण समयबद्ध ढंग से पूरा करा लिया जाए।

● जन आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए बुंदेलखंड की जीवनरेखा बन चुके बुंदेलखंड एक्सप्रेस को चित्रकूट से जोड़ने के लिए कार्यवाही तेज की जाए, इसके लिए बजट भी प्राविधानित की जा चुकी है। यह बुंदेलखंड की कनेक्टिविटी को और बेहतर करने में बड़ा सहायक होगा। कार्य की गुणवत्ता और परियोजना की समयबद्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

● बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एक्सप्रेसवे कवरेज को और विस्तार देने की जरूरत है। जेवर में विश्वस्तरीय एयरपोर्ट बन रहा है, इसे एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए, गंगा एक्सप्रेसवे से जेवर एयरपोर्ट तक लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया जाना उचित होगा। इसी प्रकार, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक लिंक एक्सप्रेस-वे तथा गंगा एक्सप्रेसवे से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे तक वाया फर्रुखाबाद एक नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाना चाहिए।

● चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ, तीन नए एक्सप्रेस-वे प्रदेश की तरक्की की तेज करने से सहायक होंगे। इस संबंध में प्रारंभिक अध्ययन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। सभी एक्सप्रेसवे के दोनों ओर पौधे लगाए जाएं।

● देश को रक्षा उत्पादन का हब बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने वाली उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल में देश-दुनिया की बड़ी रक्षा उत्पाद निर्माता कंपनियां निवेश कर रही हैं। अब तक 24 हजार करोड़ से अधिक का निवेश डिफेंस कॉरीडोर में हो चुका है। लखनऊ नोड में ब्रम्होस एयरोस्पेस, एरोलॉय टेक्नोलॉजी, झांसी नोड में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, कानपुर नोड में अडानी डिफेंस सिस्टम, अलीगढ़ में एमिटेक इलेक्ट्रॉनिक्स और एंकर रिसर्च लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियां अपनी इकाई लगा रही हैं। नवीन प्रस्तावों के संबंध में तत्काल निर्णय लें। कोई भी प्रस्ताव लंबित न रखें।

● बायो प्लास्टिक पार्क के विकास की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए। लखीमपुर खीरी में बायो प्लास्टिक मैनुफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के लिए भूमि क्रय तेज किया जाना अपेक्षित है।

● ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन की सतत समीक्षा की जाए। निवेशक को लैंड अलॉटमेंट करना हो अथवा देय इंसेंटिव का विषय, कतई विलंब न हो। तत्काल निर्णय लें।

● बदलती परिस्थितियों के बीच प्राधिकरणों के बाइलॉज को अपडेट करने की आवश्यकता है। नियमों को और अधिक निवेश अनुकूल बनाया जाना चाहिए। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में लैंडबैंक विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज की जाए।

● औद्योगिक कॉलोनियों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। यह विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी है कि इंडस्ट्रियल एरिया में सड़क, ड्रेनेज, सफाई, जलापूर्ति जैसी सुविधाएँ बेहतर ढंग से उपलब्ध हों।

● निजी पार्कों के विकास के लिए बड़ी संख्या में निवेशकों ने रुचि दिखाई है। एमएसएमई विभाग ने इस संबंध में अच्छा कार्य किया है। निजी पार्क की स्थापना हेतु निवेशकों को आवश्यक बल्क लैंड की पूर्ति हेतु औ‌द्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा भी तेजी से व्यवस्था की जाए।

● औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा भूमि अधिसूचित करने के बाद अधिग्रहण की कार्यवाही प्रारंभ करने में अनावश्यक बिलंब न हो। किसानों को मुआवजा तत्काल दिया जाए।

● औ‌द्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा अपने औ‌द्योगिक क्षेत्रों में सिक औ‌द्योगिक इकाइयों की भूमि को नए निवेशकों को उपलब्ध करने हेतु नीति घोषित करनी चाहिए।

● नवगठित बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही तेज किया जाना अपेक्षित है। यह प्रयास प्रदेश में बुंदेलखंड के विकास को एक नई ऊंचाई देने वाला होगा। दादरी में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब (एमएमएलएच) एवं बोराकी में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच)के विकास की प्रक्रिया तेज की जाए।

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