सीएम योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि सूबे में कहीं भी अवैध खनन न हो। इसके बाद भी खनन माफिया मानने को राजी नहीं हैं। ताजा मामला झांसी जिले से सामने आया है, जहां गरौठा तहसील के खमा गांव में अवैध खनन जारी है। इस दौरान खनन माफियाओं को हरे पेड़ भी नहीं दिख रहे हैं। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खनन माफिया अपने कारनामे को जारी रखे हुए हैं। एक ओर जहां योगी सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर वृक्षारोपण कर रही है, तो दूसरी ओर झांसी में खनन माफिया हरे-भरे जंगल उजाड़ रहे हैं।
आपको बता दें कि खमा गांव में निजी भूमि पट्टा धारक का एनजीटी के नियमों के विपरीत अवैध तरीके से खनन बदस्तूर जारी। इस दौरान हरे भरे पेड़ उजाड़े जा रहे हैं। यहां 3 महीने के लिए निजी भूमि का पट्टा दिया गया है। पट्टा धारक द्वारा प्रथम दृष्टया निर्धारित भूमि के अतिरिक्त जगह से खनन किया जा रहा है तथा एनजीटी के नियमों के विपरीत बगैर कांटा, बगैर स्केनर, बगैर फर्म के बोर्ड के खनन किया जा रहा है।
प्राकृतिक रूप से बहने वाले नालों में मिट्टी एवं मोरम भरकर बहने वाले पानी को भी जगह जगह रोक दिया गया है। जंगलों से हरे भरे पेड़ो को काटकर रास्ता बनाने का काम किया जा रहा है। जहां एक ओर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करके वृक्षारोपण किया जा रहा है तो वहीं खनन माफिया हरे-भरे जंगल उजाड़ रहे हैं। एनजीटी के नियमों के अनुसार निर्धारित गहराई से अधिक गहराई तक खोदकर बड़ी-बड़ी खदान नुमा गड्ढे कर दिए हैं।
प्रथम दृष्टया निजी भूमि पट्टा धारक द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक खनन कर बगैर रॉयल्टी के अनेकों ट्रक बालू बेच दी गई है और खनन अभी भी जा रही है। सरकारी विद्यालय के आसपास अनेको ट्रक, बड़े बड़े बालू के ढेर एवं तंबू लगने से विद्यार्थियों की शिक्षा पर भी दुष्प्रभाव पड़ रहा है। बिना नंबर प्लेट वाली गाड़ियों से अवैध खनन की जा रही है। ओवरलोड ट्रकों द्वारा सड़को का नामोनिशान मिटा कर रख दिया गया है।
हैरानी तो इस बात की है कि जब इस मामले को लेकर उप-जिलाधिकारी गरौठा से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने आन कैमरा इस मामले में कुछ भी कहने से साफ तौर पर इंकार कर दिया। उन्होंने ऑफ कैमरा कहा कि पहले पूरे मामले को समझेंगे फिर बताएंगे। इस तरह से झांसी में अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है। इसके साथ हरे पेड़ उखाड़कर प्रकृति से भी छेड़छाड़ की जा रही है।
झांसी से संवाददाता आरएन शर्मा की रिपोर्ट।