तापमान में परिवर्तन होते ही लोगों को वायर फीवर ने अपने जकड़ में लेना शुरू कर दिया है। ऐसे में वायरल फीवर के कारण यदि आपके गले की आवाज में बदलाव आ रहा है तो सावधान हो जाएं और त्वरित चिकित्सक को दिखाकर उसका इलाज करना शुरू कर दें। क्योंकि ये संक्रमण एक बार हो जाने पर जल्दी नहीं जाते हैं और स्वस्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। ऐसे में आपको तेज बुखार, गले में दर्द, शरीर में सूजन, खांसी-जुकाम जैसी समस्याएं आ रही हैं तो तुरंत अस्पताल पहुँच कर चिकित्सक से सलाह ले और बताए हुई दवाओं या उपचारों का नियम के अनुरूप पालन करें।
आपको बता दें कि इन दिनों कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल के ओपीडी वॉर्ड में प्रतिदिन 40 फीसद से ज्यादा मरीज वायरल से संबंधित ही आ रहे हैं। इसी के साथ यह भी ध्यान रखें कि गाँव से ज्यादा ये बिमारियाँ शहर में अधिक जनसंख्या का कारण ज्यादा तेजी से फैल सकती हैं।
फीवर के कारण बेहोशी हालत में अस्पताल पहुँचे मरीज
वायरल फीवर को नजरअंदाज करना कभी-कभी इतना खतरनाक हो सकता है इसका पता बुधवार को हैलट अस्पताल की इमरजेंसी वॉर्ड में मरीजों को देख कर पता चला। जहाँ उर्सला में एक मरीज और काशीराम हॉस्पिटल में भी एक मरीज, वायर फीवर के अटैक के कारण बेहोशी के हालत में पहुंचा। जा रहा है कि इन मरीजों को दिमागी बुखार था और शारीरिक रूप से भी वे स्वस्थ्य नहीं थे ऐसे में वे इस फीवर के आसानी से शिकार बन गए और बिहोशी की अवस्था में अस्पताल में लाए गए।
न रखें ढील, लक्षण दिखते ही पहुँचे अस्पताल
मौसम में परिवर्तन के कारण वायरल फिर से हवा में सक्रीय हो गया है। वहीं जैसे-जैसे तापमान में वृद्धि हो रही है उसी रूप में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। बता दें कि इस वायरल ने सबसे ज्यादा शहरी लोगों पर प्रभाव डाला है।
दो से तीन हफ्ते तक रह सकती है खांसी की समस्या
एक बार वायरल होने पर दो से तीन हफ्ते तक खांसी की समस्या आपको हो सकती है। क्योंकि दवाई लेने के बाद बुखार, गले में दर्द, नाक के बंद होने की समस्या से तो छुटकारा पाया जा सकता है परंतु खांसी को ठीक होने में लंबा समय लग सकता है। लेकिन आपको इसके लिए चिकित्सक से परामर्श लेकर उसी के अनुरूप दवा खानी चाहिए।
शुगर और बीपी के पेशेंट रखे ध्यान
शुगर व बीपी के मरीजों को ऐसे वायरल से बचाव करके रखना चाहिए, क्योंकि ये लोग इन वायरल बिमारियों के शॉफ्ट टार्गेट होते हैं।
शुरुआत में दिखते हैं ये लक्षण
इस वॉयरल के शुरुआती लक्षण मरीज आसानी से जान सकते हैं। जैसे की गले की आवाज में परिवर्तन आना और दर्द होना, इसी के साथ सांस लेने में समस्या उत्पन्न होना जैसी अन्य समस्याएं दिखाई देती हैं। ऐसे लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और इलाज शुरू करें। वहीं इस बिमारी को लेकर बच्चों और बुजुर्ग लोगों का विशेष ध्यान रखें।
ऐसे बच सकते हैं आप इस वायरल से…
- शरीर में पानी की मात्रा का ध्यान रखें।
- सुबह-शाम गर्म कपड़े पहन कर रखें।
- कहीं भीड़ वाली जगह पर जा रहे हैं तो मास्क का प्रयोग करें।
- दिन में कम-से-कम दो बार गुनगुने पानी से गरारा जरूर करें।
- ठंडे व चिकने खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें।
- मौसमी फलों का सेवन करें।
- आहार में हरी सब्जियों खाएं पर बासी खाने से बचें।
- डॉक्टर की सलाह के बाद कोई दवा खाएं।
- पांच दिन से ज्यादा खांसी या बुखार आ रहा है तो डॉक्टर से परामर्श लेकर ईलाज शुरू कर दें।
- बुजुर्ग और बच्चे सुबह-शाम के समय ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ा पहनें।