सीएम योगी सूबे के विकास के लिए कहीं से कोई कमीं नहीं कर रहे हैं। चाहे बात बजट की हो, गुणवत्ता की हो या फिर समय सीमा की हो सीएम योगी अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर रहे हैं। इसके बाद कानपुर जैसे स्मार्ट सिटी में पहली बारिश में ही अधिकारियों के कामों की लापरवाही की पोल खुल गई है। शहर में बुधवार को झमाझम बारिश हुई, जिसके बाद वहां के विकास के दावे की पोल खुल गई। सुबह बूंदा-बांदी के साथ शुरू हुई बारिश दोपहर बाद तेज हो गई। देखते ही देखते कई मौहल्लों में पानी भर गया। नाला सफाई में लापरवाही के चलते एक बार फिर जूही खलवा पुल, गोविंद नगर, साकेत नगर, पनकी समेत कई क्षेत्रों में सड़कें तालाब बन गईं। पानी ओवर फ्लो होकर सड़कों पर आ गया। जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शहर के भौंती बाईपास पर जलभराव से हाईवे पर करीब आधा किलोमीटर का जाम लग गया। बुधवार को हुई बारिश से जूही और पनकी के कई क्षेत्रों में बरसात का पानी घरों तक घुस गया। शताब्दी नगर पार्ट-एक में लोगों के घरों में भरने के साथ ही मुख्य मार्ग भी तालाब बन गया। क्षेत्र के लोगों ने अपनी परेशानियों को बताया।
घरों में घुसा पानी
वहां के लोगों ने कहा कि नगर निगम और कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को यहां की जनता कीड़े-मकोड़े लगते हैं। पिछले सात वर्षों से क्षेत्र का यही हाल है, यहां न ही सड़कें हैं और न की नाले। जिससे हर साल बरसात में दिक्कत होती है। इसी तरह पनकी सी ब्लॉक में भी घरों तक पानी घुस गया। जूही लाल कॉलोरी के ब्लाक एक की गली भी तालाब बन गई।
कानपुर में नाला सफाई की हकीकत पहली बरसात में ही सामने आ गई है। कई जगह टूटी सड़कों की वजह से बरसात के बाद राहगीरों का निकलना दूभर हो गया। शहर के विजय नगर गल्ला मंडी में जलभराव की वजह से लोग परेशान हो गए।
महापौर के घर के सामने भरा पानी
हद तो तब हो गई जब महापौर प्रमिला पांडेय के सिविल लाइंस स्थित घर से मुख्य मार्ग पर आने वाली सड़क पर भी जलभराव हो गया। कचहरी रोड अंबा हॉस्पिटल के पास जलभराव के चलते जाम की स्थिति बन गई। इसी तरह नंदलाल चौराहा, चावला चौरहा, जूही खलवा पुल पर भी पहली बरसात में जलभराव हो गया। जूही खलवा पुल में बीते दिनों ही नगर आयुक्त ने लापरवाही पर अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई की थी। इसी तरह जेके मंदिर रोड पर भी हल्का जलभराव देखा गया।
पुल के नीचे भरे पानी में डूबकर एक की मौत
शहर के जूही खलवा पुल के नीचे भरे बारिश के पानी में एक बाइक सवार की डूबकर मौत हो गई। इसके साथ ही एक कार भी भरे पानी में पूरी डूब गई। कार सवारों ने आनन-फानन में कार को छोड़कर अपनी जान बचाई। आपको बता दें कि इस जगह पर पिछले साल भी जलभराव की समस्या के कारण एक युवक की मौत हो चुकी है। नगर निगम यहां लाखों रुपए खर्च करता है हर क्षेत्र की जल निकासी के लिए फिर भी कानपुर में जल भराव समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।
नालों में दोबारा बह गई सिल्ट
नगर निगम ने 70 फीसदी नालों की सफार्ठ करने का दावा किया है। वहीं, एक आंकड़े के अनुसार पांच हजार मीट्रिक टन से ऊपर नालों से सिल्ट निकलवाई गई है। लेकिन, इसकी आधी भी सड़क से उठाई नहीं जा सकी है। बुधवार को हुई बारिश की वजह से यह सिल्ट दोबारा बहकर नाली में समा गए। नाला सफाई में देरी की वजह से शासन का पैसा पानी में बह गया है।