मानसून की दस्तक के साथ ही बीमारियों ने भी दस्तक दे दी है। बरसात ने मलेरिया और डेंगू का खतरा बढ़ा दिया है। जगह-जगह पानी जमा होने से मच्छर पनपना शुरू हो चुके हैं। बुखार, सर्दी-जुकाम, उल्टी और दस्त के बाद अब लोगों में खासकर बच्चों की आंखें लाल होने की समस्या (कंजक्टिवाइटिस) बढ़ गई है। आंखों में खुजली, जलन आदि से परेशान लोगों की संख्या नेत्र अस्पतालों में अचानक बढ़ने लगी है।
जलभराव के कारण काफी बीमारियां फैलती हैं। जागरूक भी किया जाता है कि घर के आसपास गंदगी ना रखें और जलभराव ना होने दें लेकिन कानपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दफ्तर के सामने ही जलभराव इन दिनों देखने को मिल रहा है। यदि कानपुर के मान्यवर कांशीराम अस्पताल में स्थित मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दफ्तर में आपको जाना है। तो रास्ता ढूंढ कर निकलना पड़ेगा क्योंकि उसके मुख्य मार्ग पर काफी जलभराव है। जो वहां मौजूद मरीजों के लिए खतरा बढ़ा रहा है साथ ही साथ वहां मौजूद कर्मचारियों के लिए भी।
बरसात और जलभराव के कारण बढ़ रही बीमारियों से निपटने के लिए कानपुर के स्वास्थ्य विभाग ने आखिर क्या तैयारियां की है। इस बात की जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने कहा कि बरसात और जलभराव के कारण कई बीमारियां उत्पन्न होती हैं। जिसके लिए मैं कानपुर की जनता से निवेदन करना चाहूंगा कि वह अपने घर के आस-पास स्वच्छता रखें और जलभराव न होने दें।
सीएमओ ने कहा कि बरसात में होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कमर कस ली है और टीमों का गठन कर दिया गया है। अगर कहीं से किसी प्रकार की सूचना आती है। तो टीम वहां पर पहुंचकर व्यवस्थित तरीके से सब कुछ संभाल लेती है। दफ्तर के बाहर जलभराव के संबंध में जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि यह समस्या की जानकारी जल निगम निगम एवं मुंशी पलटी को दे दी गई है। जल्द ही यहां पर जलभराव की समस्या से निजात मिल जाएगी।
कांशीराम अस्पताल के डॉक्टर स्वदेश गुप्ता ने कहा कि बरसात एवं जलभराव के चलते बढ़ रही बीमारियों से निपटने के लिए कानपुर के कांशीराम अस्पताल ने कमर कस ली है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा बीमारियों से निपटने की तैयारियों की जानकारी देते हुए। सी.एम.एस डॉक्टर स्वदेश गुप्ता ने बताया कि बरसात एवं जलभराव के कारण बीमारियां बढ़ रही है। प्रतिदिन लगभग 50 से 60 मरीज डायरिया बीमारी से संबंधित आ रहे है। जबकि बुखार से संबंधित 100 से अधिक मरीज प्रतिदिन आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा आंखों की बीमारी (कंजक्टिवाइटिस) के मरीज भी 50 से 60 प्रतिदिन आ रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन ने पूरी तैयारियां कर ली है एवं डेंगू वार्ड भी तैयार कर दिया है। लेकिन अभी तक यहां एक भी डेंगू का मरीज नहीं आया है। जानकारी देते हुए डॉ स्वदेश गुप्ता ने बताया कि सभी बीमारियों से निपटने के लिए प्रचुर मात्रा में दवाई उपलब्ध है। डॉ गुप्ता ने बताया कि बरसात के मौसम में इन बीमारियों से बचने के लिए विशेष रूप से ध्यान रखें कि कटे-फटे फल बाजार से ना खरीदें और ना ही खाएं। और हो सके तो बाहर का खाना थोड़े दिनों तक कम ही खाएं और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।
कानपुर से संवाददाता राजन साहू की रिपोर्ट।