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Kanpur News: ‘महिलाओं के सम्मान की बातें होती हैं, लेकिन फाइलों में सिमट जाती हैं’, बोले सतीश महाना

कानपुर में कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट एसोसिएशन (सीपीए) के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधान मंडल द्वारा आयोजित महिला सम्मेलन का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्वलित कर किया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सम्मेलन में महिलाओं की भूमिका, उनके अधिकारों और उनके सम्मान को लेकर गंभीर चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है, लेकिन व्यवहार में यह कितना लागू होता है, इस पर विचार करने की जरूरत है।

सतीश महाना ने कहा कि महिला सशक्तिकरण पर हमेशा चर्चा होती है, लेकिन जब ये मुद्दे फाइलों में बंद हो जाते हैं, तो उनकी अहमियत खत्म हो जाती है। उन्होंने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी और उनकी उपस्थिति को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका मानना है कि आज की राजनीति में वही सफल हो सकता है, जो हर विषय पर निपुणता रखता हो।


सीपीए का वैश्विक योगदान और महिला नेतृत्व

सीपीए के संदर्भ में महाना ने बताया कि यह संगठन 56 देशों में फैला हुआ है और इसकी 184 शाखाएं हैं। इसका उद्देश्य विधायिका के माध्यम से जनमानस की समस्याओं का समाधान करना है। इस साल सम्मेलन का मुख्य मुद्दा महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व रहा। अलग-अलग क्षेत्रों से आईं महिला विधायकों ने अपने अनुभव साझा किए। इनमें एमबीए, डॉक्टर, इंजीनियर और अन्य पेशेवर महिलाएं शामिल रहीं।

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी का बयान

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने सम्मेलन में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए कई प्रयास हो रहे हैं, लेकिन वे अभी पूरी तरह सफल नहीं हो पाए हैं। उन्होंने राजनीति में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि महिला विधायक बनने के बाद भी यह सवाल उठाया जाता है कि वे क्या कर सकती हैं।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस प्रयास

सम्मेलन में यह बात प्रमुखता से उठाई गई कि महिलाओं को केवल हारने वाली सीटों पर लड़ने का मौका न देकर, उन्हें जीतने वाली सीटों पर भी मौका दिया जाए। ऋतु खंडूरी ने सुझाव दिया कि महिलाओं के लिए ऐसा मंच तैयार किया जाए, जहां वे अपने विचार साझा कर सकें और समाज में बदलाव ला सकें।

कानपुर और बिठूर के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश

सतीश महाना ने कानपुर और बिठूर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि बिठूर वह स्थान है, जहां माता सीता ने लव और कुश को जन्म दिया। यह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का भी कर्मक्षेत्र रहा है।

महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदम

महिला विधायक सम्मेलन में यह सहमति बनी कि महिलाओं के अधिकार और सशक्तिकरण को केवल दस्तावेजों तक सीमित न रखते हुए, जमीनी स्तर पर लागू किया जाए। सम्मेलन ने संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने, प्रक्रियाओं में सुधार लाने और महिलाओं को अधिक अवसर देने का संकल्प लिया।

यह सम्मेलन महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। महिलाओं की राजनीति और समाज में भागीदारी को बढ़ाने के लिए इस तरह के मंचों की महत्ता और भी अधिक बढ़ जाती है। अब जरूरत है कि इन विचारों को योजनाओं और नीतियों के रूप में जमीन पर उतारा जाए।

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