कानपुर के बिकरू कांड में खाकी और खादी के गठजोड़ की गांठ अब खुलने लगी है। विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई की गाड़ियां बिकरु कांड के दूसरे दिन संदिग्ध परिस्थितियों में विजय नगर चौराहे के पास से बरामद की गई थी।
सूचना मिलते ही पुलिस ने पुलिस ने गाड़ियों को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी थी जिसके बाद जांच में सामने आया था कि जय ने अपने करीबियों के नाम पर गाड़ियां खरीदी थी।
वही आपको बता दे कि इस पूरे मामले में खाकी औऱ खादी का कनेक्शन शुरू से ही सामने आ रहा था वहीं जय बाजपेयी की पकड़ी गई फार्च्यूनर गाड़ी में विधानसभा सचिवालय का पास लगा हुआ है
जिस पास को मीडिया की नजरों से बचाने के लिए पुलिस ने उस पास के ऊपर स्टीकर चिपका दिया ताकि मामले को दबाया जा सके।
आपको बता दे कि जय बाजपेयी के तत्कालीन एसएसपी अनन्त देव के साथ साथ कई पुलिसकर्मियों से काफी अच्छे सम्बंध सामने आ रहे है।
वही पुलिस मामले की जांच की बात का रटारटाया बयान देकर किनारा करने की कोशिश कर रही है मगर जय और विकास के राजनीतिक संरक्षण का प्रमाण ये पास आखिर किसने मुहैया कराया ये भी जल्द खुलासा हो जाएगा।
जिसके बाद ऐसे लोगो को संरक्षण देने वाले सफेदपोश भी सामने आ जाएंगे।
वहीं इस मामले को विधानसभा की सुरक्षा के मद्देनजर भी देखा जा रहा है कि जहां मुख्यमंत्री और प्रदेश के मंत्री मौजूद रहते हों वहां की एंट्री का वीआईपी पास आखिर जय द्वारा इस्तेमाल करने की अनुमति किस जनप्रतिनिधि ने दिलाई थी।