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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में कानपुर का कपड़ा कारोबार 400 करोड़ तक पहुंचा: गेरुआ वस्त्र और कंबल की भारी मांग

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के चलते कानपुर के थोक कपड़ा बाजार में कारोबार तेजी से बढ़ा है। साधु-संतों के लिए गेरुआ वस्त्र, कैंप बनाने के लिए कपड़े, और दान-पुण्य के लिए कंबल, रजाई, गद्दे जैसे उत्पादों की मांग ने बाजार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।

By: Desk Team  RNI News Network
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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में कानपुर का कपड़ा कारोबार 400 करोड़ तक पहुंचा: गेरुआ वस्त्र और कंबल की भारी मांग

प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के चलते कानपुर के थोक कपड़ा बाजार में कारोबार तेजी से बढ़ा है। साधु-संतों के लिए गेरुआ वस्त्र, कैंप बनाने के लिए कपड़े, और दान-पुण्य के लिए कंबल, रजाई, गद्दे जैसे उत्पादों की मांग ने बाजार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। अब तक लगभग 200 करोड़ रुपये का कारोबार हो चुका है और कुल कारोबार 400 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।

4 करोड़ रुपये के कपड़े से तैयार हुए कैंप

महाकुंभ में सेक्टर 21 से 25 तक के पंडालों के लिए कानपुर से 7 लाख मीटर कपड़ा भेजा गया है। इन पंडालों की तैयारी में लगभग 4 करोड़ रुपये का कपड़ा इस्तेमाल हुआ। इसके अलावा रजाई और गद्दों की भी बड़े पैमाने पर आपूर्ति की गई है।

गेरुआ वस्त्र की मांग

साधु-संतों के लिए गेरुआ वस्त्र की भारी मांग है। लगभग 2.50 लाख मीटर कपड़ा, जिसकी कीमत 20 से 70 रुपये प्रति मीटर है, महाकुंभ भेजा गया है। इस कपड़े की कुल लागत 75 लाख रुपये तक आंकी गई है।

जैकेट और कंबल की मांग

ठंड को देखते हुए जैकेट और कंबल की डिमांड भी बढ़ गई है। रोजाना करीब 2000 जैकेट, जो 500 रुपये तक की रेंज में हैं, प्रयागराज भेजी जा रही हैं।

कंबल की मांग भी बढ़ी है। 100 से 150 रुपये की कीमत वाले कंबलों की लगभग 2000 गांठें और 250 रुपये की रेंज वाले कंबलों की 500 गांठें प्रयागराज पहुंच चुकी हैं। कुल मिलाकर, अब तक लगभग 40 करोड़ रुपये का कंबल कारोबार हो चुका है।

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