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KNP News: रिमोट सेंसिंग से तैयार होंगी केडीए की योजनाएं, 2051 तक का विकास मॉडल तय

कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) ने राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग एजेंसी से MOU कर 20 हजार वर्ग किमी क्षेत्र के सर्वे की योजना बनाई है। 2051 को लक्ष्य बनाकर मास्टर प्लान और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किए जाएंगे।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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KNP News: रिमोट सेंसिंग से तैयार होंगी केडीए की योजनाएं, 2051 तक का विकास मॉडल तय

कानपुर विकास प्राधिकरण (KDA) ने बृहस्पतिवार को नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी के साथ महत्वपूर्ण समझौता (MOU) किया है। इस समझौते के तहत अब केडीए को उच्च गुणवत्ता वाली सैटेलाइट इमेज और आवश्यक डाटा उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे भविष्य की योजनाओं को तैयार करने में डिजिटल व डेटा आधारित योजना निर्माण को बल मिलेगा।

पीएम गति शक्ति पोर्टल से मिलेगी सीधी पहुंच

समझौते के बाद अब केडीए को केंद्र सरकार के PM Gati Shakti Portal तक पहुंच मिलेगी, जिससे वे टाउन प्लानिंग, आधारभूत संरचना और भूमि उपयोग जैसी योजनाएं अधिक प्रभावशाली ढंग से बना सकेंगे। रिमोट सेंसिंग डेटा की मदद से भू-भाग की सटीक जानकारी प्राप्त होगी, जिससे भूमि उपयोग का संतुलन और विकास की दिशा तय करना संभव होगा।

2051 को ध्यान में रखते हुए तैयार होगा मास्टर इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार, कानपुर व इसके आस-पास के जिलों के लिए वर्ष 2051 तक का एकीकृत विकास मॉडल तैयार किया जा रहा है। इस दिशा में कानपुर रीजन इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट अथॉरिटी (क्रीडा) के गठन की पहल की गई है। नगर विकास विभाग के विशेष सचिव के निर्देश पर मंडलायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है, जो इस कार्य को गति दे रही है।

20 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में होगा सर्वे

क्रीडा के अंतर्गत कानपुर नगर के साथ-साथ कानपुर देहात, औरैया, जालौन, हमीरपुर, बांदा और कन्नौज जिलों को भी शामिल किया गया है। यह योजना लगभग 20 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगी। इस क्षेत्र का सर्वे नेशनल रिमोट सेंसिंग एजेंसी द्वारा किया जाएगा और इसके आधार पर एक पांच वर्षीय विकास परियोजना तैयार की जाएगी।

क्रीडा के तहत योजनाओं का डिजिटल खाका होगा तैयार

केडीए इस डाटा का प्रयोग न केवल क्रीडा की संरचना में करेगा, बल्कि अपनी आगामी टाउनशिप योजनाओं, औद्योगिक क्षेत्रों और परिवहन कॉरिडोर की तैयारी में भी उपयोग करेगा। अब तक पारंपरिक नक्शों और निरीक्षणों पर आधारित योजनाएं बनती थीं, लेकिन अब यह प्रक्रिया टेक्नोलॉजी आधारित और डेटा-संचालित होगी।

टेंडर प्रक्रिया शुरू, पांच वर्षों में तैयार होगा मास्टर प्रोजेक्ट

केडीए ने इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत टेंडर जारी कर दिया है। यह परियोजना अगले पांच वर्षों में पूरी तरह तैयार हो जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि रिमोट सेंसिंग से प्राप्त आंकड़े पारदर्शिता, सटीकता और आधुनिक शहरी विकास की दिशा में नया अध्याय जोड़ेंगे।

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