मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बुंदेलखंड को प्रदेश का “स्वर्ग” बनाने के संकल्प के तहत कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें से सबसे बड़ी पहल के रूप में केन-बेतवा लिंक परियोजना सामने आई है। इस परियोजना से बुंदेलखंड के विकास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है, जो क्षेत्र में पानी की कमी और कृषि संकट को हल करेगा।
44605 करोड़ रुपये की लागत वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड के झांसी, महोबा, बांदा और ललितपुर जिलों के 2.51 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को पानी मिलेगा।
इससे किसानों को सिंचाई के लिए जरूरी जल मिलेगा और उनकी फसलें बेहतर होंगी। इसके अलावा, 21 लाख लोगों को पीने का पानी भी उपलब्ध होगा, जिससे क्षेत्र में जल संकट की समस्या का स्थायी समाधान मिलेगा।
इस परियोजना का शिलान्यास 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। यह परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो अभियान का हिस्सा है। इस योजना का 90% खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि 10% राज्य सरकार पर होगा।
हालांकि शिलान्यास 25 दिसंबर को हुआ, योगी सरकार ने इस परियोजना पर पहले ही काम शुरू कर दिया था। बांदा में परियोजना का कार्यालय स्थापित किया जा चुका है और चार जिलों का सर्वे भी पूरा हो चुका है। अगले साल के प्रारंभ में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का लक्ष्य है।
इसके साथ ही 24 किलोमीटर लंबी नहर के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी। इस परियोजना के लिए आवश्यक 245 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण भी चिन्हित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल से ही बुंदेलखंड के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस क्षेत्र की दो बड़ी समस्याएं पानी की कमी और औद्योगिक शून्यता रही हैं। योगी सरकार ने इन समस्याओं के समाधान के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई हैं।
बुंदेलखंड में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। क्षेत्र में सोलर एनर्जी का बड़ा हब बन चुका है और डिफेंस कॉरिडोर क्षेत्र के औद्योगिक माहौल को और मजबूत कर रहा है।
सरकार की योजना कानपुर और झांसी के बीच 36 हजार एकड़ में औद्योगिक विकास के लिए एक बड़ा कॉरिडोर बनाने की है, जो नोएडा से भी बड़ा होगा। इसके अलावा, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है।
बुंदेलखंड के लिए पानी की समस्या को हल करने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। इनमें से अर्जुन सहायक नहर परियोजना को पूरा किया जा चुका है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटित की गई थी। इसके अलावा, सिंचाई के लिए कई योजनाओं का भी क्रियान्वयन किया गया है।
हर घर नल योजना के तहत बुंदेलखंड को प्राथमिकता दी गई है, जबकि खेत तालाब योजना के तहत क्षेत्र में हजारों तालाब बनाए जा रहे हैं ताकि मवेशियों और किसानों की पानी की जरूरतें पूरी हो सकें।
This Post is written by Abhijeet Kumar yadav