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Teacher Recruitment: HC के आदेश पर बोले केशव मौर्य- ‘पिछड़ा और दलित वर्ग की जीत, लंबा संघर्ष किया’

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के शिक्षक भर्ती लिस्ट की मेरिट लिस्ट को रद्द करने के फैसले का स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि ये पिछड़ा और दलित वर्ग की जीत है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा ( ATRI) के अंतर्गत 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन सूची को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इसे नए सिरे से बनाया जाए। वहीं हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद सियासी गलियारे का पारा चढ़ चुका है। जिसके बाद प्रदेश के उप-सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

समाजिक न्याय की दिशा में हाईकोर्ट का फैसला स्वागत योग्य

डिप्टी सीएम ने कहा कि, ‘शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है। यह उन पिछड़े व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया है। उनका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं।’

90 विशेष दलीलों को एक साथ रद्द कर, नये सिरे से सूची बनाने के दिए निर्देश

आपको बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश से पहले एकल पीठ ने 69 हजार अभ्यर्थियों की चयन सूची पर पुनर्विचार करने के साथ ही 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को भी खारिज कर दिया था। फिर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति AR मसूदी एवं न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की पीठ ने महेंद्र पाल एवं अन्य द्वारा एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर की गयी 90 विशेष अपीलों को एक साथ रद्द करते हुए नयी सूची बनाने के आदेश दिये।

कोर्ट ने क्या आदेश दिए

कोर्ट ने इस संदर्भ में आदेश देते हुए कहा कि यदि नयी चयन सूची बनाते हुए वर्तमान में कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ उसे दिया जाये ताकि छात्रों की पढ़ायी पर इसका कोई नाकारात्मक प्रभाव न पड़े। बता दें कि उच्च न्यायालय ने मामले में सुनवाई पूरी करके अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह फैसला पीठ ने 13 अगस्त को ही सुना दिया था पर उसकी प्रति, वेबसाइट पर शुक्रवार को डाली गयी थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को खारिज करने के एकल पीठ के निर्णय में कोई हस्तक्षेप करने से साफ मना कर दिया। वहीं न्यायालय ने सरकार एवं अन्य संबंधित निकायों को आदेश दिया कि अगले तीन माह में नई सूची जारी करने की कार्यवाही पूरी कर ली जाए।

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