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Loksabha Election 2024: मोदी के संसदीय सीट वाराणसी से मैदान में उतरी किन्नर महामंडलेश्वर ने कहा पीएम ने किन्नरों को हक नहीं दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके वाराणसी संसदीय सीट से आगामी आम चुनाव में चुनौती देने के लिए किन्नर महामंडलेश्वर सखी मैदान में उतर चुकी हैं। वे लोकसभा चुनाव 2024 के वाराणसी सीट से अखिल भारत हिंदू महासभा की घोषित उम्मीदवार हैं। चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि वे किन्नरों के हक के लिए इस सीट से मैदान में उतरी हैं।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Loksabha Election 2024: मोदी के संसदीय सीट वाराणसी से मैदान में उतरी किन्नर महामंडलेश्वर ने कहा पीएम ने किन्नरों को हक नहीं दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके वाराणसी संसदीय सीट से आगामी आम चुनाव में चुनौती देने के लिए किन्नर महामंडलेश्वर सखी मैदान में उतर चुकी हैं। वे लोकसभा चुनाव 2024 के वाराणसी सीट से अखिल भारत हिंदू महासभा की घोषित उम्मीदवार हैं। चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा कि वे किन्नरों के हक के लिए इस सीट से मैदान में उतरी हैं।

मोदी के गंगापुत्र वाले बयान पर तंज कसते हुए स्वयं को शिखंडी कहा

हिमांगी सखी ने पीएम मोदी के गंगापुत्र वाले बयान पर तंज कसते हुए कहा कि आप यदि गंगा पुत्र हैं तो मैं भी शिखंडी स् कम नहीं हूं। आप मेरे सामने आइए और नतमस्तक होइए इस अर्द्धनारीश्वर के समक्ष और इसी के साथ हमारे शंखनाद को स्वीकार करें। आगे उन्होंने कहा कि उन्हें काशी पर पूरा भरोसा है कि वह कभी अर्द्धनारीश्वर को निराश नहीं करेंगे। वैसे भी काशी के लोग शिव के गण हैं और शिवगणों की सेवा करने अर्द्धनारीश्वर आ चुकी है।

kinnar Mahamandaleshwar, who contested from Modi's parliamentary seat Varanasi, said that PM did not give rights to kinnar

काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चन करने जाएंगी

महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा कि वह काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन करने जाने वाली हैं। इसके साथ-साथ सुर्खियों में रहे काशी ज्ञानवापी मामले में पर भी अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि ASI ने सब कुछ स्पष्ट कर दिया है। शी ज्ञानवापी का परिसर पूरा हिंदुओं का है। रही बात एक और पक्ष के आस्था की तो काशीवासियों का भी इस पूरे परिसर से आस्था जुड़ा हुआ है।

10 वर्षों के अंतराल में भी किन्नर समुदाय के लिए 1 भी सीट आरक्षित नहीं

हिमांगी सखी ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए बताया कि जो काम अखिल भारत हिंदू महासभा के चक्रपाणि महाराज ने उन्हें अवसर देकर किया है अगर यही काम देश के राजाओं ने किया होता तो उन्हें काफी आनंद की अनुभूति होती कि हमें समाज में आगे बढ़ाने के लिए और संसद में अपनी बात को प्रमुखता से रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अगर किन्नर समाज भारत देश का हिस्सा है तो हमारे देश के राजा चुप क्यों बैठे हैं। क्यों नहीं किन्नर को मेन स्ट्रीम में लेकर आ रहे हैं? मोदी जी की सरकार को आए 10 वर्ष पूरे हो गए लेकिन उन्होंने किन्नरों के उत्थान के लिए अभी तक क्या किया है। आज भी आपके होते हुए किन्नर समाज क्यों भीख मांग रहा है?

ज्ञानवापी मामला जल्द से जल्द क्लियर होना चाहिए

ज्ञानवापी मामले पर बोलते हुए कहा कि ज्ञानवापी का मामला जल्द से जल्द क्लियर होना चाहिए और वहां शिव मंदिर बने, क्योंकि ज्ञानवापी ही काशी विश्वेश्वर का मूल मंदिर है। जिसको औरंगजेब के वक्त में क्षतिग्रस्त करके तोड़ दिया गया था और फिर मंदिर को ही मस्जिद में बदल दिया गया था।

हिमांगी सखी ने कहा नारा तो भाजपा का अच्छा पर किन्नरों को कभी नहीं समझा

हिमांगी सखी ने कहा कि वे इस आम चुनाव में किन्नर समाज के अधिकार और सम्मान के लिए प्रत्याशी के रूप में बनारस से मैदान में उतरी हैं। प्रधानमंत्री का ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ नारा अच्छा है लेकिन ‘किन्नर बचाओ-किन्नर पढ़ाओ’ की आवश्यकता उन्होंने नहीं समझा गया है।

उनकी मांग है कि किन्नर समाज के लिए भी नौकरियों के साथ लोकसभा, विधानसभा व पंचायत चुनावों में सीटें आरक्षित की जाएं ताकि उनका भी प्रतिनिधित्व सदनों में हो सके और जिससे उनकी समस्याओं पर विचार कर उसे एक नया आयाम दिया जा सके।

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