सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना नामक एक पहल शुरू की । इस योजना के तहत, भारत में 81 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को वर्तमान में 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न मिल मिलता है, लेकिन प्रयागराज के एक गाँव में लाभार्थियों ने कोटेदार पर ये इल्ज़ाम लगाया है कि उन्हें फिछले कई महीनों से राशन नहीं मिला है साथ ही साथ कोटेदार ने उनसे रासनकार्ड पर अंगूठा भी लगवाया है।
मामला प्रयागराज के संकरगढ़ ब्लॉक का है
प्रयागराज के संकरगढ़ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गैडेया लोनीपार में कोटेदार पर ग्रामीणों ने बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने कहा की सरकार द्वारा गरीबों को दिया जाने वाला राशन को कोटेदार खा रहे हैं।
कई लाभार्थियों ने कोटेदार पर आरोप लगाया की हम लोग अंगूठा तो हर माह लगाते है लेकिन पिछले 6 माह से राशन नही मिला लाभार्थियों ने ये भी कहा की हम लोगो को 6 माह से केवल कोटेदार द्वारा पर्ची दे दिया जाता है कई लाभार्थी ने कोटेदार पर आरोप ये भी लगाया है की ,लाभार्थियो से अंगूठा लगवाकर राशन ना देकर उन्हें 20 रुपए प्रति किलो के दर से पैसा कभी कभी दे दिया जाता है ।
आखिर कब होगी कार्रवाई
सबसे बड़े सवाल यहीं है कि आखिर सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं को गरीबों तक ना पहुँचाकर कोटेदार पैसा कैसे खा सकते है। आखिर सरकार तो पैसा देती ही नही है वो तो गरीबों को मुफ्त में राशन देती है। तो कोटेदार इन आदिवासियों का हक कैसे छीन सकते हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है आखिर गरीबों के निवालो पर डाका डालने वाले कोटेदार पर कब होगी कार्यवाही? आखिर सरकार को क्यों कर रहे है ऐसे लोग बदनाम बदनाम। किसके दम पर कोटेदार गरीबों का खा रहे है राशन?
सरकार कोई मुहीम ऐसी चलाती है जिससे ग़रीबो को लाभ मिले लेकिन बेख़ौफ़ और भ्रष्ट कोटेदारों की वजह से ग़रीबो तक सीधा फ़ैदा नहीं पहुँच पाता। लेकिन यहाँ अब ये सवाल ज़रूर पैदा होता है कि आखिर गरीबों के निवालो पर डाका डालने वाले इस तरह के कोटेदार पर कब शिकंजा कसा जाएगा??