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UP News : एक साथ अयोध्या और प्रयागराज में दिखेगा आस्था का कुंभ ,रामलला के पाटोत्सव के साथ महाकुंभ की शुरुआत

2025 में होने वाले महाकुंभ के लिए अयोध्या में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। विशेष धार्मिक मान्यता के अनुसार, कुंभ के बाद श्रद्धालु प्रयागराज से सरयू में स्नान करने के लिए अयोध्या आते हैं।

By: Desk Team  RNI News Network
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UP News : एक साथ अयोध्या और प्रयागराज में दिखेगा आस्था का कुंभ ,रामलला के पाटोत्सव के साथ महाकुंभ की शुरुआत

2025 में होने वाले महाकुंभ के लिए अयोध्या में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। विशेष धार्मिक मान्यता के अनुसार, कुंभ के बाद श्रद्धालु प्रयागराज से सरयू में स्नान करने के लिए अयोध्या आते हैं। रामनगरी और कुंभ नगरी प्रयागराज के बीच त्रेतायुग से गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक संबंध रहा है, और दोनों स्थानों की आस्था एक-दूसरे से जुड़ी हुई है।

महाकुंभ की शुरुआत और रामलला के पाटोत्सव का उत्सव

अगले महीने, जनवरी 2024 में प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से होगी। इस दौरान अयोध्या में रामलला के प्रथम पाटोत्सव की धूम मचेगी। 11 से 13 जनवरी तक रामनगरी में रामलला के पाटोत्सव के तहत विशेष धार्मिक अनुष्ठान और उत्सव होंगे। लाखों श्रद्धालु इस भव्य कार्यक्रम में भाग लेंगे और रामलला के दर्शन करेंगे।

13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन प्रयागराज में महाकुंभ का पहला स्नान पर्व होगा, जिसमें श्रद्धालु, संत और महात्मा संगम में डुबकी लगाएंगे। उसी दिन, रामनगरी में भी श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान करने आएंगे। 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर भी लाखों श्रद्धालु सरयू में स्नान कर पुण्य अर्जित करेंगे। इस दिन, रामनगरी में पाटोत्सव में शामिल श्रद्धालु मकर संक्रांति का स्नान करके अयोध्या से प्रयागराज जाएंगे।

महाकुंभ में अयोध्या का योगदान

महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान के बाद, श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं और यहां के पवित्र सरयू में स्नान कर रामलला का आशीर्वाद लेते हैं। इस बार, पाटोत्सव के कारण साधु संत और श्रद्धालु पहले अयोध्या आएंगे और फिर रामनगरी से प्रयागराज की ओर प्रस्थान करेंगे।

अयोध्या कुंभ मेले के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस साल रामजन्मभूमि पर बने नए भव्य मंदिर में रामलला की प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ मनाई जाएगी, जो एक विशाल और भव्य अनुष्ठान के रूप में होगा।

हालांकि, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी, लेकिन भारतीय पंचांग के अनुसार यह तिथि 2025 में 11 जनवरी को पड़ी है, जो पाटोत्सव के दिन के रूप में मनाई जाएगी।

इस प्रकार, 2025 में अयोध्या और प्रयागराज में एक साथ आस्था का कुंभ दिखाई देगा, जहां धार्मिक उत्सवों का मिलाजुला स्वरूप श्रद्धालुओं के लिए अद्भुत अनुभव प्रस्तुत करेगा।

This Post is written by Abhijeet Kumar yadav

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