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Lko News: जनेश्वर पार्क की झील में मछलियों की मौत की वजह बनी ऑक्सीजन की कमी, मत्स्य विभाग की जांच रिपोर्ट में खुलासा

लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क की वाटर बॉडी में मछलियों की अचानक मौत की असली वजह सामने आ गई है। मत्स्य विभाग द्वारा की गई जांच में पाया गया कि झील में ऑक्सीजन का स्तर निर्धारित मानक से कम था, जिसके चलते कई बड़ी मछलियां मारी गईं। यह रिपोर्ट लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को भेजी गई है, साथ ही सुधार के लिए तीन जरूरी सुझाव भी दिए गए हैं, जिन पर अब अमल शुरू हो चुका है।

जनवरी में सामने आई थी मछलियों की मौत

जनवरी माह में पार्क में मॉर्निंग वॉक पर आए लोगों ने झील में मरी हुई मछलियों को देखा और इसकी सूचना LDA अधिकारियों को दी। इसके बाद बोट से झील की सफाई कराई गई और मामले की जांच के लिए मत्स्य विभाग को पत्र भेजा गया था।

32 एकड़ की झील में खराब पानी और गंदगी बनी कारण

मत्स्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, जनेश्वर पार्क में बनी 32 एकड़ की वाटर बॉडी में पानी की गुणवत्ता बेहद खराब थी। खासतौर पर गेट नंबर-2 के पास बड़ी मछलियां (2 किलो से अधिक वजन) मरी पाई गईं। झील में केन, प्लास्टिक पैकेट, पॉलिथीन और अन्य कचरा फेंका गया था, जिससे पानी प्रदूषित हो गया और ऑक्सीजन लेवल 4.5 PPM तक गिर गया, जबकि सामान्य स्तर 5-8 PPM होना चाहिए।

प्रदूषण का मुख्य कारण—पर्यटकों द्वारा फेंका गया कचरा

रिपोर्ट में बताया गया कि पर्यटक झील में पॉलिथीन, फूड पैकेट्स और अन्य कचरा फेंकते हैं, जिन्हें मछलियां खा जाती हैं और इससे उनकी मौत हो जाती है। इसके बाद उनका शरीर झील में ही सड़ने लगता है, जिससे पानी और अधिक प्रदूषित हो जाता है।

मत्स्य विभाग के तीन प्रमुख सुझाव:

1. मछलियों को भोजन देने के लिए अलग स्थान निर्धारित किया जाए, ताकि लोग बेतरतीब खाना न डालें और जल प्रदूषण रोका जा सके।
2. झील में ऑक्सीजन लेवल बनाए रखने के लिए हाई फाउंटेन (ऊंचे झरने) की संख्या बढ़ाई जाए।
3. एक किलो से अधिक वजनी मछलियों को नियमानुसार बेचा जाए, ताकि छोटी मछलियों को बढ़ने और जीने की जगह मिल सके।

LDA ने कहा – गंदगी फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई

LDA अधिकारियों ने साफ किया है कि झील में कचरा फेंकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और आसपास निगरानी बढ़ाई जाएगी ताकि कोई भी झील में गंदगी न फैला सके।

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