न्यू नोएडा के लिए जमीन अधिग्रहण में प्रगति हो रही है। इस परियोजना के लिए आपसी सहमति से जमीन अधिग्रहण का निर्णय लिया गया है। प्राधिकरण ने सेटेलाइट सर्वे शुरू किया है, जिसमें सभी फेज की इमेज ली जा रही हैं। इसके आधार पर ही आबादी के निर्धारण और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
न्यू नोएडा के पहले फेज में 3165 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है, जिसके लिए 1000 करोड़ रुपये आरक्षित किए गए हैं। अधिग्रहण की शुरुआत बुलंदशहर से होगी, जहां अधिकांश गांव इस परियोजना के अंतर्गत आएंगे। यहां के प्रशासन से बातचीत कर, जमीन के अधिग्रहण के लिए सहमति प्राप्त की जाएगी और जितने किसानों से सहमति बनेगी, उतने पैसे बुलंदशहर प्रशासन को दिए जाएंगे।
विचार किया जा रहा है कि फेज-1 में यदि फेज-2 की जमीन आती है तो उसका भी अधिग्रहण किया जाए। सैटलाइट इमेज के आधार पर विकास के नक्शे सुपरइंपोज किए जाएंगे और फाइनल ड्राइंग तैयार की जाएगी। इसके आधार पर विकास के काम शुरू किए जाएंगे।
न्यू नोएडा 209.11 वर्गकिमी क्षेत्र में विकसित होगा। इसे चार फेज में पूरा किया जाएगा। 2023-27 तक 3165 हेक्टेयर, 2027-2032 तक 3798 हेक्टेयर, 2032-2037 तक 5908 हेक्टेयर और 2037-2041 तक 8230 हेक्टेयर का विकास किया जाएगा। शासन स्तर पर जमीन अधिग्रहण नीति और गाइडलाइन्स जारी की जाएंगी।
न्यू नोएडा की विस्तार योजना के तहत इसका डीएनजीआईआर मास्टर प्लान 2041 तैयार किया गया है, जिसमें 40% क्षेत्र औद्योगिक, 13% आवासीय और 18% क्षेत्र ग्रीन एरिया और रिक्रिएशन के लिए आरक्षित किया गया है। यह नया शहर गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों को मिलाकर बसाया जाएगा। इस शहर की अनुमानित आबादी करीब 6 लाख होगी।