यूपी के प्रयागराज जिले से एक ऐसा मामला सामना आया है, जिसे जानकर हर कोई दंग रह जाएगा। यहां भूमाफियाओं ने 10 बीघे की जमीन को अवैध तरीके से प्लाटिंग कर बेच दी। जिसकी शिकायत यहां के रहने वाले लोगों ने सीएम योगी से की है। मामला संज्ञान में आते ही जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने जांच बैठा दी है।
दरअसल, महर्षि महेश योगी के ‘स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती चैरिटेबल ट्रस्ट’ ने अरैल ग्राम सभा को जमीन लिखी। जिसके बाद भूमाफिया अवैध तरीके से प्लाटिंग कर बेचते रहे। आपको बता दें कि साल 1990 में जब महेश योगी का आश्रम बनने की शुरुआत हुई तो ग्राम सभा की कुछ जमीन नाली, खड़ंजा और सड़क बनाने में चली गई। जिसको लेकर ग्राम सभा और ट्रस्ट के बीच आए दिन विवाद होने लगा। तब स्वामी ब्रह्मानंद चैरीटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी ने करछना के तत्कालीन उप जिलाधिकारी के यहां एक प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि अरैल ग्राम सभा की कुछ जमीनें हमारे आश्रम के कब्जे में आ गई है। उसके बदले उन्होंने 10 बीघा जमीन ग्राम सभा को देने का प्रस्ताव रखा।
इस प्रस्ताव पर एसडीएम, डीएम के आदेश पर महेश योगी के ट्रस्ट से जो 10 बीघे जमीन दी गई थी उसको अरैल ग्राम सभा को दे दिया गया। 5 फरवरी 2008 को महर्षि महेश योगी का निधन हो गया। जिसके बाद अरैल स्थित इसी आश्रम में उनकी समाधि बनी।
ट्रस्ट के प्रस्ताव पर 20 जून 1992 को मुहर लग गया, जिसके बाद 10 बीघा जमीन अरैल ग्राम सभा के नाम पर कर दी गई। इसके बाद ग्राम प्रधान ने 30 दशकों में भूमाफिया के साथ मिलकर ग्राम सभा को दी गई यह जमीन अपने रिश्तेदारों को लिख दी।
जिस जमीन को एससी-एसटी लोगों को पट्टे में दिया जाना था, उस पर घर बन गए हैं। जब इस साधु संतों को इस बात का पता चला तो सीएम योगी से इसकी शिकायत की गई और इस मामले की जांच की मांग की गई। सीएम योगी के आदेश पर डीएम प्रयागराज संजय खत्री ने जांच बैठाई है। पता लगाया जा रहा है कि महेश योगी के ट्रस्ट से अरैल ग्राम सभा को जो जमीन दी गई थी उसका क्या हुआ। डीएम खत्री ने जानकारी दी है कि शिकायत मिली है। इस मामले की जांच एसडीएम करछना को दी गई है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।