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Republice Day Parade 2025: एलडीए की झांकी ने गणतंत्र दिवस परेड में मारी बाजी, राजभवन को दूसरा स्थान

गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर आयोजित परेड में 22 झांकियां प्रदर्शित की गईं। इनमें लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की झांकी को पहला स्थान मिला। राजभवन और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की झांकियों ने संयुक्त रूप से दूसरा स्थान हासिल किया।

तीसरे स्थान पर कई झांकियां

तीसरे स्थान पर चिकित्सा एवं परिवार कल्याण, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन और संस्कृत संस्थानम की झांकियों को रखा गया। वहीं, लखनऊ पब्लिक स्कूल एंड कॉलेज, उत्तर प्रदेश सिंधी अकादमी और सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की झांकियों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।

एलडीए की झांकी: महापुरुषों को समर्पित

एलडीए की झांकी महापुरुषों के योगदान और प्रधानमंत्री आवास योजना पर आधारित थी। झांकी के पहले हिस्से में बसंत कुंज योजना के अंतर्गत कमल के फूल की आकृति में बने राष्ट्र प्रेरणा स्थल को दर्शाया गया। इसमें भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमाएं शामिल थीं।

झांकी के मध्य भाग में चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित लक्ष्मण प्रतिमा और लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर परियोजना को दिखाया गया। अंत में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने आवासों के माॅडल, ईको टूरिज्म वेटलैंड और सौमित्र वन की झलक पेश की गई।

राजभवन की झांकी: पर्यावरण संरक्षण का संदेश

राजभवन की झांकी पर्यावरण और जलवायु संरक्षण की थीम पर आधारित थी। इसमें बच्चों ने पेड़ बचाने, औद्योगिक प्रदूषण रोकने, पौधारोपण और स्वच्छता का संदेश दिया। झांकी में राजभवन की नक्षत्र वाटिका, सूर्य प्रतिमा, गौशाला और मियावाकी वन को दर्शाते हुए प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया गया।

महाकुंभ की झांकी ने बिखेरा आकर्षण

सूचना और जनसंपर्क विभाग की झांकी महाकुंभ प्रयागराज-2025 पर केंद्रित थी। इसमें अमृत कलश की भव्य प्रतिकृति, अमृत धारा और समुद्र मंथन की पौराणिक कथा को दर्शाया गया। देवताओं और असुरों के समुद्र मंथन का दृश्य दर्शकों को खासा आकर्षित कर गया।

तीसरे स्थान पर संयुक्त झांकियां

चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग ने ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ की झांकी प्रदर्शित की, जबकि राज्य स्वच्छ गंगा मिशन ने महाकुंभ की आध्यात्मिकता और आस्था को दिखाया। संस्कृत संस्थानम ने अपनी झांकी के माध्यम से संस्कार, संस्कृति और सदाचार के महत्व को उजागर किया।

सम्मानित हुईं झांकियां

झांकियों का मूल्यांकन निर्णायक मंडल द्वारा किया गया, जिसके आधार पर पुरस्कार दिए गए। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम के दौरान विजेताओं को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।

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