फ़तेहपुर सीकरी भारत के उत्तर प्रदेश के आगरा जिले का एक शहर है। आगरा का जिला मुख्यालय यहां से 35.7 किलोमीटर (22.2 मील) की दूरी पर स्थित है, आपको बता दें कि फ़तेहपुर सीकरी की स्थापना 1571 में सम्राट अकबर द्वारा मुग़ल साम्राज्य की राजधानी के रूप में हुई थी।
फ़तेहपुर सीकरी के धार्मिक स्मारकों की बात करें तो, जामा मस्जिद पर्वत श्रृंखला के शिखर पर बनी सबसे पुरानी इमारतों में से एक है, जो 1571-72 में बनकर तैयार हुआ था। इस मस्जिद में शेख सलीम चिश्ती का मकबरा भी शामिल है, जो 1580-81 में पूरी हुई और 1606 में जहांगीर के शासनकाल में इसके और चार चांद लगे, जो मूर्तिकला सजावट की एक असाधारण कृति है।
इस दरबार के दक्षिण में एक भव्य संरचना, बुलंद दरवाजा (बुलंद दरवाजा) है। वहीं 2011 की जनगणना के अनुसार, फतेहपुर सीकरी की कुल जनसंख्या 32,905 थी, जिसमें 17,392 पुरुष और 15,513 महिलाएं थीं। जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या उस समय क्रमशः 4,110 और 1 थी।
फ़तेहपुर सीकरी संसदीय सीट के अंतर्गत विधानसभा की 5 सीटें आती हैं। इनके नाम खैरागढ़, फतेहपुर सीकरी, बाह, फतेहाबाद व आगरा ग्रामीण हैं।
यह सीट 2008 में परिसीमन के बाद मूलरूप में आई थी। 2009 के हुए आम चुनाव में सबसे पहले इस सीट पर बसपा का कब्जा था, लेकिन 2014 के चुनाव में यहां भाजपा ने परचम लहराया। बता दें कि पहले यह निर्वाचन क्षेत्र आगरा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता था।
2014 के चुनाव में बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की थी और चौधरी बाबूलाल चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे। 2014 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता रहे अमर सिंह ने भी राष्ट्रीय लोक दल के टिकट से प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर कर चुनाव लड़ा था और चौथे स्थान रहे थे। वहीं सपा तीसरे नंबर पर रही थी।
2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा के राजकुमार चाहर ने परचम फहराया, उन्हें इस सीट से 6,67,147 वोट प्राप्त हुए थे। कांग्रेस के स्टार उम्मीदवार राज बब्बर 1,72,082 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और बसपा के भगवान शर्मा 1,68,043 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे।
राजकुमार चाहर (10 July 1967) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में 2019 के भारतीय आम चुनाव में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी से भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा के लिए चुने गए। इन्होंने B.Com की डिग्री प्राप्त की है।
फतेहपुर सीकरी मस्जिद के बारे में एक बात प्रसिद्ध है कि यह मक्का की मस्जिद की नकल है और इसके डिजाइन हिंदू और पारसी वास्तुशिल्प से लिए गए हैं। मस्जिद का प्रवेश द्वार 54 मीटर ऊँचा बुलंद दरवाजा है जिसका निर्माण 1573 ई० में हुआ था। आप इस मस्जिद के उत्तर में शेख सलीम चिश्ती की दरगाह को देख सकते हैं जहाँ नि:संतान महिलाएँ दुआ मांगने आती हैं।
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर 3.50 लाख से अधिक ब्राह्मण मतदाता हैं जो कि सर्वाधिक संख्या में हैं। इसके बाद यहां क्षत्रिय समाज 3.25 लाख के करीब हैं। वैश्य से 1 लाख के करीब हैं। निषाद से 1.50 लाख, 2 लाख दलित से और 1.80 लाख जाट मतदाताओं की संख्या है।