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Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में कांटे की टक्कर देने वाली मुजफ्फरनगर सीट के बारे में आइए जानते हैं?

लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी अपनी रोटियां सेंकना शुरू कर दिया है। सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के चयन के लिए मंथन कर रहे हैं और अलग-अलग सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। जबकि कुछ सीटों पर अभी ऐलान होना बाकी है। इनमें से कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां जोरदार मुकाबला देखने को मिल सकता है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में कांटे की टक्कर देने वाली मुजफ्फरनगर सीट के बारे में आइए जानते हैं?

लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी अपनी रोटियां सेंकना शुरू कर दिया है। सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के चयन के लिए मंथन कर रहे हैं और अलग-अलग सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। जबकि कुछ सीटों पर अभी ऐलान होना बाकी है। इनमें से कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां जोरदार मुकाबला देखने को मिल सकता है।

ऐसी ही सीटों में शामिल है मुजफ्फरनगर की लोकसभा सीट। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हरेंद्र सिंह मलिक के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद जताई जा रही है।

छात्रीय जीवन से सक्रिय रहे हैं संजीव बलियान

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार संजीव बालियान की बात करें तो वो छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने बीएसपी के उम्मीदवार कादिर राणा को भारी मतों से हराया था और 2014 में वो मोदी सरकार की पहली कैबिनेट में कृषि मंत्री भी बने थे। इसके अलावा उन्होंने कुछ और मंत्रालयों में बतौर राज्य मंत्री जिम्मेदारी संभाली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में वो एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे और तत्कालीन आरएलडी सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह को मात दी।

अगर बात करें समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हरेंद्र सिंह मलिक की तो पूर्व राज्यसभा सांसद हरेंद्र सिंह मलिक ने अपने शुरुआती 4 विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की थी। हालांकि इसके बाद उन्हें एक विधानसभा चुनाव और 4 लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। हरेंद्र की पहली चुनावी जीत खतौली विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में हुई थी।

बाद में 1998, 1999 में बीजेपी और 2009 में बीएसपी के टिकट पर मुजफ्फरनगर से उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी ने 2019 में भी उन्हें कैराना से टिकट दिया था लेकिन उन्हें इस बार भी उन्हें सफलता नहीं मिली। लेकिन इस बार ये मुकाबला अलग है।

मुस्लिम वोटों पर हैं सभी पार्टियों की निगाहें

जहां पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और RLD के बीच गठबंधन था, वहीं इस बार आरएलडी का एनडीए के साथ गठबंधन है। जबकि बहुजन समाज पार्टी अकेले ही मैदान में है। एनडीए के साथ आरएलडी का गठबंधन होने से इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी संजीव बालियान को फायदा हो सकता है। वहीं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हरेंद्र सिंह मलिक के साथ मुस्लिम वोट एकमुश्त जा सकता है। हालांकि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी दारा सिंह प्रजापति सपा कैंडिडेट का नुकसान कर सकते हैं, लेकिन ये नुकसान कितना बड़ा होगा ये देखने वाली बात होगी।

मुजफ्फरनगर संसदीय सीट का इतिहास

मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश का एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। इस सीट पर करीब 16 लाख वोटर्स हैं। जिनमें पुरुष वोटर की संख्या 875186 और 713297 महिला वोटर हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 69.7 फीसदी वोट डाले गए थे। वहीं 2014 में इस सीट पर NOTA को 4739 वोट पड़े थे। आपको बता दें कि इस सीट पर करीब 27 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं।

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर यदि जातिगत आंकड़ों को देखें तो इसी सीट पर लगभग 17 लाख के आसपास मतदाता नामांकित हैं। जिसमें लगभग 5 लाख मुस्लिम, 2 लाख दलित ,डेढ़ लाख जाट, एक लाख 30 हजार कश्यप, 12 लाख सैनी, 1 लाख 15 हजार वैश्य और लगभग 4 लाख 80 हजार ठाकुर ,गुर्जर ,त्यागी ,ब्राह्मण, पाल ,प्रजापत, सुनार और अन्य समाज ते लोग आते हैं।

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल पांच विधानसभाएं आती हैं। इनमें बुढ़ाना, चरथावल, मुजफ्फरनगर, खतौली, सरधना सीट आती हैं। ये पांचों ही सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में हैं।

मुजफ्फरनगर संसदीय सीट की खास बातें

मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश का एक शहर है। ये मुजफ्फरनगर जिले का मुख्यालय भी है। वहेलना जैन मंदिर, हनुमतधाम शुक्रताल, गणेशधाम शुक्रताल, नक्षत्र शुक्रताल, शुक्रताल यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। गांधी पॉलिटेक्निक, आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, आयुर्वेद अनुसंधान केन्द्र, कृषि कॉलेज, कृषि विज्ञान केन्द्र, अस्पतालों, नेत्र अस्पताल, डिग्री कालेजों, इंटर कालेज यहां के प्रमुख कॉलेज हैं।

संजीव बलियान के बारे में?

संजीव बलियान का जन्म 23 जून 1972 को हुआ था और ये भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। ये 2014 और 2019 में हुए मुजफ्फरनगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए। उनके वर्ष 2013 में सांप्रदायिक दंगों के बाद भाजपा ने लोकसभा चुनाव में टिकट दिया। जहां पहले ही चुनाव में उन्होंने वर्ष 2014 में निवर्तमान बसपा सांसद कादिर राणा को चार लाख से अधिक वोटों से मात दे दिया। वहीं 2019 में बेहद कड़े मुकाबले में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय चौ. अजीत सिंह को करीब साढ़े छह हजार मतों से हराया।

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