नोएडा प्राधिकरण ग्रुप हाउसिंग भूखंड संख्या जीएच-2, सैक्टर-143, नोएडा ब्लासम जेस्ट और इसके मूल आवंटी प्रमोटर्स देवेन्द्र मोहन सक्सेना, शक्ति नाथ, विकम नाथ एवं मीना नाथ है। बता दें कि इन लोगों के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा दिल्ली को पत्र लिखा जा चुका है जिसमें इनपर कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।
करीब एक लाख वर्ग किलोमीटर भूमि आवंटित
नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि प्रमोटर्स को 100080.98 वर्गमीटर प्लाट का आवंटन 08 अप्रैल 2011 को ही कर दिया गया था। फिर लीज डीड करते हुए 14 जून 2011 को आंवटी को कब्जा दिया गया। पर आवंटी द्वारा जमीन की बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया। ऐसे में प्राधिकरण से नियम के अनुसार समय-समय पर संबंधित आवंटी को धनराशि जमा करने के लिए नोटिस भी दिए। पर आवंटी ने न तो भू-खंण्ड का पैसा जमा किया और न ही उस जमीन पर किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य ही किया।
फ्लैट बेचकर पैसा प्राधिकरण के खाते में न डालकर गलत उपयोग किया
यही नहीं उक्त परियोजना के फ्लैट को बेचकर तृतीय पक्ष को अधिकार दे दिया गया। परियोजना से प्राप्त धनराशि को प्राधिकरण में जमा न कराते हुए अन्यत्र प्रयोग किया गया। जिसके कारण फ्लैट बायर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही प्राधिकरण को भी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है। इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण द्वारा सोमवार को इनके खिलाफ अपराध शाखा, दिल्ली के समक्ष शिकायत दर्ज कराते हुए इनके खिलाफ जांच कराने का अनुरोध किया है।
IBBI(इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ़ इंडिया) से गड़बड़ी का कराया अवगत
प्राधिकरण ने संपत्ति वैल्यूएशन में गड़बड़ी होने पर दो प्रोजेक्ट की जांच के लिए इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ़ इंडिया को अवगत कराया है। इन दोनों प्रोजेक्ट में पहला मैसर्स थ्री सी प्रोजेक्ट्स प्रालि को आवंटित भूखंड संख्या जीएच-1ए, सेक्टर-168 लोटस जिंक और दूसरा जीएसएस प्रोकॉन प्रलि को आवंटित भूखंड संख्या जीएच-1सी, सेक्टर -143बी जीएसएस प्रोकॉन का है।