लोकतंत्र का महान पर्व कहे जाने वाले चुनाव यूं तो हमारे देश की स्वस्थ प्रजातान्त्रिक व्यवस्था का परिचायक है। और आज यानी 26 अप्रैल को उत्तर -प्रदेश के गाजियाबाद जिले के सॅटॅलाइट टाउनशिप के अंतर्गत इंदिरापुरम में सुबह 7 बजे से जब धीरे -धीरे मतदान केंद्रों तक बढ़ने लगे तो ऐसा लगा कि भारत की प्रजातान्त्रिक व्यवस्था सच में कितनी स्वस्थ है जहाँ हर कोई चाहे वह छोटे या बड़े घरों से थे किस उत्साह से अपने निर्दिष्ट पोलिंग बूथ पर पहुंच कर अपना बहुमूल्य मत अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम पर मशीनों में दर्ज करा रहे थे।
सुरक्षा के कड़े पहरे के बीच वोटर कर रहे मतदान , स्थानीय लोग भी आ रहे मदद को
बृहस्तिवार का दिन वोटरों के साथ को साथ चुनाव पदाधिकारियों के लिए अब तक राहत भरा रहा है क्योंकि सुरक्षा के कड़े पहरे के कारण लोग आराम से ईवीएम मशीनों के बटन को प्रेस करते दिखे। जहां स्थानीय लोगों के साथ वहां के व्यवसायिओं ने दिल खोलकर चाय , नास्ता के साथ कोल्ड ड्रिंक आदि की व्यवस्था कर मतदान अधिकारियों की मदद करते दिखे वहीं , कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लोग जगह -जगह पंक्तियों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते भी दिखे। कई लोग ऐसे भी मिले जिन्हें इस बात का भी पता नहीं था कि उनके पसंदीदा उम्मीदवार के चुनाव चिह्न क्या हैं। ऐसे लोगों की चुनाव कार्य करा रहे अधिकारीगण आगे आकर समझाते और मदद करते भी देखे गए।
कहीं कोई नारा नहीं ,दबंगों को बनाना पड़ा बूथों से दूरी
इस बार के चुनावों को पिछले कई चुनावों से अलग तौर पर भी देखा जा सकता है। दिन के पहले पहर में पूरे गाज़ियाबाद में मतदान काफी मॉडरेट रहा है। इस बात की तस्दीक नीचे दिए गए आंकड़ों से स्पष्ट किया जा सकता है। यह बताता है कि सुबह में जब लोग अलसाये से उठे तो उनको इस बात का पता था कि दिन कितना खास रहने वाला है। वे अपने परिवार जनों के साथ पोलिंग बूथों की तरफ बढ़ चले। इस बार के चुनाव की खासियत यह भी रहने जा रही है कि दबंगों को जहां पोलिंग बूथों से दूरी बनाये रखने की सख्त हिदायत दी गयी वहीं सुरक्षा व्यवस्था इतनी चाक -चौबंद रही है कि परिंदा भी पर नहीं मार सके।
कई बूथों पर लोगों के बीच ईवीएम के प्रयोग को लेकर अनभिज्ञता भी
गाजियाबाद के पॉश रिहायश इंदिरापुरम में कुछ पोलिंग बूथ ऐसे भी थे जहां लोगों के बीच ईवीएम के प्रयोग को लेकर एक संशय की स्थिति देखी गयी वहीं , कुछ ऐसे भी थे जिन्हें इस बात का पता नहीं था कि किस उम्मीदवार का क्या चुनाव चिह्न है और वे किसे मत देने जा रहे हैं। कई वोटर तो ऐसे भी थे जिनका पोलिंग बूथ नंबर गलत पाए गए। वहीं , तैनात पुलिस बल मतदाताओं पर अनावश्यक मनोवैज्ञानिक दबाब भी बनाते देखे गए।