नयी दिल्ली : राहुल गांधी के बारे में कहा जाता है कि चाहे वह भारत यात्रा हो या फिर बतौर एक न्याय के लिए लड़ने वाला योद्धा वे इन सबमें प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी गठबन्धन सरकार पर अपने भाषणों में तीखा व्यंग किया करते थे और उनका एक जुमला हुआ करता था -डरो मत। आज यही खुद राहुल गाँधी के लिए उल्टा दांव बन गया है। अब नरेंद्र मोदी राहुल को अपने भाषणों में कहते सुनायी दे रहे हैं -डरो मत , भागो मत। कारण राहुल गांधी के अमेठी या रायबरेली इन दोनों अहम सीटों पर संशय की स्थिति बनी हुयी थी। शुक्रवार को जब कांग्रेस के तरफ से यह फैसला सुनाया गया कि राहुल रायबरेली से ही चुनाव लड़ेंगे तो सत्तापक्ष उन पर हमलावर होते दिखी जब प्रधानमंत्री मोदी ने उन पर अट्टहास करते हुए कहा –डरो मत , भागो मत . राहुल गांधी पर मोदी का इस व्यंगबाण की मीडिया सर्कल्स में काफी चर्चा भी हो रही है.
अमेठी हुआ करता था कांग्रेस का गढ़
आपको बता दें कि केंद्र की सत्ता से दो दशकों का वनवास झेल रही कांग्रेस पार्टी अपने गढ़ अमेठी व रायबरेली में अपने उम्मीदवार के नाम पर टाल मटोल करती रही और अब से बस कुछ बाद होने वाले चौथे चरण के मतदान से पहले बृहस्पतिवार की रात को ही राहुल के रायबरेली से चुनाव लड़ने की बात स्पष्ट कर दी। अमेठी साल 2019 तक कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। खुद राहुल ने 2004 , 2009 और 2014 में अमेठी से सांसदी की लेकिन वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से स्मृति ईरानी ने पटकनी दे दी। और 2024 के चुनाव में अमेठी में एक बार फिर स्मृति ईरानी क्या फिर से वापस आयी , राहुल के सलाहकार उन्हें वहां का मैदान छोड़कर कांग्रेस के लिए दूसरा गढ़ रहे रायबरेली का विकल्प चुना। इसके बाद ही भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस व राहुल गांधी पर और अधिक हमलावर हो गयी।
मैं तो यही कहूंगा कि डरो मत , भागो मत
राहुल गांधी के रायबरेली से ही लड़ने की बात ज्यों ही स्पष्ट हुयी , नरेंद्र मोदी की त्वरित प्रतिक्रिया आयी –डरो मत , भागो मत। राहुल के बारे में संसद में नरेंद्र मोदी ने पहले ही संसद में यह बयान दे दिया था कि कांग्रेस के सबसे बड़े नेता अमेठी से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं करेंगे सोनिया गांधी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल की माता सोनया गांधी सोनिया गांधी राजस्थान छोड़कर राज्यसभा की शरण ले ली और अब राहुल को यही करना पड़ा है।