झांसी-ललितपुर संसदीय सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अब तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही है। इस सीट पर बीएसपी ने लगभग 8 लोकसभा चुनाव लड़े हैं, लेकिन 6 चुनावों में वे बहुत पीछे रही हैं। इस बार के चुनाव में अभी तक बीएसपी ने अपने प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। वहीं, भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों को चुनाव रण में उतार दिया है।
वितरित सीट पर पहला चुनाव 1989 में लड़ा था
बहुजन समाज पार्टी का गठन 14 अप्रैल 1984 को हुआ था। पार्टी ने लोकसभा का पहला चुनाव 1989 में लड़ा था। तब झांसी-ललितपुर संसदीय सीट से बीएसपी ने बाबूलाल स्वर्णकार को प्रत्याशी बनाया था। उस समय बीएसपी को मात्र 35,353 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे। 1991 के चुनाव में बीएसपी ने दिमान रघुनाथ सिंह लोधी को टिकट दिया था। इस चुनाव में उन्हें 61,708 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
हालांकि, 2009 के चुनाव में बीएसपी ने सोशल इंजीनियरिंग का प्रयास भी किया था लेकिन उससे भी कुछ लाभ नहीं मिला था। बसपा झांसी-ललितपुर संसदीय सीट पर अपने वोट प्रतिशत को तो बढ़ा लिया, परंतु सत्य यहां का यही रहा कि यहां से जितने प्रत्याशियों को चुनाव में उतारा, उन्हें सफलता नहीं मिली।
बीएसपी पार्टी ने झांसी-ललितपुर संसदीय सीट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में पुनः चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, और आगे जाने के लिए कमर कस के तैयारी में लगी हुई है। उम्मीद है कि इस आम चुनाव में बीएसपी सफल रहे और वे जीत हासिल करें। पर ये तो पूरी तरह वोटरों के मत पर निर्भर है कि कौन से प्रत्याशी को वे अपने झांसी से सांसद बनाते हैं और दिल्ली के संसद में भेजते हैं।