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Loksabha Election 2024: ऐतिहासिक विरासत से भरे लालगंज (सुरक्षित) संसदीय सीट के बारे में आइए जानते हैं?

Loksabha Election 2024: Let us know about Lalganj (reserved) parliamentary seat full of historical heritage

Loksabha Election 2024: Let us know about Lalganj (reserved) parliamentary seat full of historical heritage

लालगंज (सुरक्षित) सीट भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के रायबरेली ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। यहां से राष्ट्रीय राजमार्ग 31 गुज़रता है और वहीं पूरे ज़िले का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन भी यहीं स्थित है। प्रशासनिक रूप से यह ज़िला तहसील का दर्जा रखता है और वर्तमान समय में यहां विकास कार्य तेजी से होते हुए दिख रहा है।

लालगंज का इतिहास

लालगंज के गौरव को आज की तारीख में तमाम विकास होने के बाद भी देश और शहर का नाम रौशन कर रहा है। वहीं यहां पर रेपुरा में स्थित नानक शाही गुरुद्वारा बहुत विख्यात गुरुद्वारा है। जब आप यहां के अतिक्रमण, सरकारी उपेक्षा और अपनी ही गौरवमयी विरासत से अनजान प्रबुद्धजनों की अनदेखी की मार से जर्जर इस अद्भुत सांस्कृतिक ऐतिहासिक विरासत को समेझेंगे तो आप भी दंग रह जाएंगे। लेकिन वास्तविक हकीकत यह है कि पर्यटन विभाग ने भी कभी इस तरफ झांकने की जरूरत नहीं समझी। और यदि वे ऐसा कर देते तो यहां का कायाकल्प कब का हो गया होता।

लालगंज सीट का संसदीय इतिहास

1996 से 2009 के बीच सपा और बीएसपी के उम्मीदवार ही इस सीट से जीतने में कामयाब रहे थे। वहीं भाजपा ने 2014 में यहां से सीट को जीतकर अपने झोले में कर लिया।

2014 में इस सीट का क्या रहे परिणाम

2014 के लोकसभा चुनाव में यहां पर 16,61,470 मतदाता थे जिसमें 9,06,751 पुरुष मतदाता और 7,54,732 महिला मतदाता थी। साढ़े 4 साल पहले यहां पर हुए चुनाव में 1,637 पोलिंग स्टेशनों पर 8,99,548 लोगों (54.14%) ने अपने मत का प्रयोग किया था। जहां मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रत्याशी नीलम सोनकर और समाजवादी पार्टी की सरोज के बीच रहा था। नीलम ने चुनाव में 36.03% यानी 3,24,016 हासिल किया और उन्होंने 63,086 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। दूसरे नंबर पर रही सरोज को 2,60,930 मत यानी कुल मतों का 29 फीसदी मत प्राप्त हुए थे। आपको बते दें कि नीलम लालगंज से निर्वाचित होने वाली पहली महिला सांसद हैं।

2019 की क्या स्थिति रही

2019 में लालगंज लोकसभा सीट से 15 उम्मीदवार मैदान में थे। बीजेपी ने तत्कालीन सांसद रही नीलम सोनकर के दोबारा टिकट दिया था। जबकि सोनकर के सामने सपा-बसपा गठबंधन की तरफ से बसपा की संगीता आजाद चुनावी मैदान में थी। तो वहीं कांग्रेस ने पंकज मोहन सोनकर को मैदान में उतारा था। जहां लोकसभा चुनाव के इस सीट से बसपा के संगीता आजाद ने जीत मिली थी, उन्हें 5,18,820 वोट मिले थे। जबकि बीजेपी के नीलम सोनकर 3,57,223 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे और एसबीएसपी के डॉ. दिलीप कुमार सरोज 17,927 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे।

2024 में कौन है यहां से मैदान में

संगीता आजाद के बारे में

संगीता आज़ाद का जन्म 24 जून 1981 को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में रामलखन भास्कर और इंदुलता भास्कर के परिवार में हुआ था । उन्होंने 2003 में मुंबई विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक की डिग्री ली और 2007 में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से शिक्षा स्नातक की डिग्री के साथ-साथ स्नातक की उपाधि भी प्राप्त की। उन्होंने 25 मई 2002 को आज़ाद अरी मर्दन से शादी की, जिनसे उन्हें एक बेटा और दो बेटियाँ हैं। वह समाज सेवा के साथ-साथ पेशे से एक बिजनेसपर्सन भी हैं।

उन्होंने 2019 के भारतीय आम चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के सदस्य के रूप में उत्तर प्रदेश के लालगंज ससंदीय सीट से भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा के लिए चुनी गईं थी। वहीं कुछ दिन पहले(18 मार्च 2024 ) संगीता आज़ाद ने बीएसपी का दामन छोड़कर भाजपा का दामन पकड़ लिया।

जातीय समीकरण

लालगंज लोकसभा सुरक्षित सीट है, इस सीट के तहत कुल 5 विधानसभाएं आती हैं। जिनमें अतरौलिया, निजामाबाद, फूलपुर पवई, दीदारगंज और लालगंज शामिल हैं। लोकसभा लालगंज की बात की जाये तो यहां करीब 19 लाख 76 हजार मतदाता अंकित हैं। वहीं जाति समीकरण देखा जाय तो यादव मुसलमानों और दलित वोटर निर्णायक भूमिका में हैं।

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